मकड़ाई समाचार हरदा। सरकार की अनेक योजनाएं ग्राम विकास व ग्रामीणों को सुविधाए देने के लिए बनाई जाती है। वहीं जिला प्रशासन के ढांचे में कलेक्टर,अपर कलेक्टर,एसडीएम, तहसीलदार,नायब तहसीलदार,आरआई,पटवारी,सचिव और कोटवार तक सभी जिला प्रशासन के ढांचे के महत्वपूर्ण पद है। इसके साथ आते जनप्रतिनिधि प्रभारी मंत्री,सांसद,विधायक,जिलापंचायत अध्यक्ष,जनपद अध्यक्ष,सरपंच ये सारे लोग आमजनता के सेवक होते है।
आमजन को विधि अनुसार उनका हक व अधिकार मिले
जनसेवक और लोक सेवक इनका दायित्व और पूर्ण जिम्मेदारी है कि आमजनता को उन्हे विधि के अनुसार उनका हक व अधिकार मिले।बावजूद एक व्यक्ति न्याय की गुहार लगाता फिरता हैं उसे समय पर न्याय नही मिल पाता है इसके लिए वह हर संभव दरवाजा खटखटा चुका है। सरकार द्वारा जनसमस्या निवारण के लिए जन सुनवाई,आपकी सरकार आपके द्वार आदि योजना चला रही है मगर त्वरित न्याय नही मिल पाना और समस्या का निवारण नही होने से इन सब का क्या फायदा है…..?,
सरकारें बदली समस्या वहीं की वही रही
हम बात कर रहे है,प्रभुदयाल पिता गिरधारीलाल मीणा निवासी ग्राम जूनापानी,ग्राम पंचायत बाबड़िया कला तहसील सिराली जिला हरदा जो विगत कई वर्षो से लगातार प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराते आ रहे है। उन्होने हर जिम्मेदार को अपनी लिखित आवेदन देकर बताई पर अभी तक कोई निराकरण नही हो पाया है।इस दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनो की सरकारे भी आ गई।हर छोटे से बडे़ अधिकारी नेता तक अपनी बात रख चुके है।श्री मीणा ने अपनी समस्या बताई कि हमारे खेत तक आने जाने का जो शासकीय रास्ता है।वह विगत 20 वर्षो से नाला बन चुका है। इस कारण हम अपने खेती संबधित कार्य नही कर पा रहे है। दूसरों के खेत से होकर जाकर अपना कार्य कर पा रहे हेै। इसमें हमें उनकी नाराजगी सहन करनी पड़ती है। आखिरकार उन्होने हमारा निकलना भी अब बंद कर दिया है। वहीं फैलते अतिक्रमण के कारण नाला भी अब संकरा होता जा रहा है। आप को बता दे कि यह नाला या रास्ता मनरेगा के अंतर्गत आता है। इसके साथ ही यह 3 गांवो को जोड़ता है। सारसूद,जूनापानी और पहटकला इसी कारण इसी रास्ते से तीन गांव के किसान भी आवागमन करते है। इस कारण यह रास्ता आमजन के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी प्रशासन से गुजारिश है कि इस रास्ते को जल्द से जल्द बनाए ताकि हम अपने खेतो तक बिना रोक टोक के पहुंच सके। आज एक किसान वर्षो से अपने खेत तक जा नही पा रहा है जो आमरास्ता था उस पर भी अतिक्रमण होने लगा वह संकरा होकर नाले में बदल गया है। जनप्रतिनिधि व सरकारी जिम्मेदार हर अधिकारी तक शिकायत की जा चुकी है मगर अभी तक कोई सकारात्मक पहल होते नजर नही आ रही है। किसान की परेशानी कम नही हो रही है।विगत 22 वर्षो से किसान इस समस्या से जूझते हुए आ रहा है। वर्तमान मे उसके पास 2015 से 2022 तक के लिखित शिकायती आवेदन पत्र की प्रतिलिपिया है।किसान द्वारा
जनसुनवाई,जनसमस्या निवारण शिविर,आपकी सरकार आपके द्वार सहित सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि को लिखित शिकायत की गई है।