देश में 45 हजार कॉलेज हैं ,सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे अब समान नियम।
भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कर दिए जाने के बाद भारत की नई शिक्षा नीति लागू हो गई है। कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं:-
🔴 5 साल तक मूल सिद्धान्त
🔴 3 साल तक माध्यमिक शिक्षा
🔴 4 साल तक उच्च माध्यमिक शिक्षा
🔴 नई शिक्षा नीति की खास बातें :- अब दसवीं बोर्ड खत्म। केवल कक्षा 12 की परीक्षाओं को बोर्ड परीक्षा कहा जाएगा । MPhil की डिग्री बंद कर दी जाएगी। उच्च शिक्षा डिग्री कोर्स 4 साल का। 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा । पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा। 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
🔴 नई शिक्षा नीति में स्नातक स्नातकोत्तर की खास बातें >
वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे। MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे। स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स। हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है। हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं। सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।