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भूमाफिया पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, नरेश जीनिंग मिल परिसर में बनी दुकानों को तोड़ा

मकड़ाई समाचार उज्जैन। प्रशासन ने रविवार को भूमाफिया पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नरेश जीनिंग मिल परिसर में बनी दुकानों व गोदामों को तोड़ दिया। नगर निगम व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई सुबह प्रारंभ हुई। निगम अमले ने दुकानों को खाली किए बिना ही उन पर जेसीबी चला दी। 26 दुकान व गोदामों को ढहाया गया है। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल और शासन प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि 11 जनवरी को प्रशासन ने नरेश जीनिंग मिल की जमीन पर कब्जा लिया था। उसके बाद यहां पर बनी दुकानों के संचालकों को खाली करने के नोटिस दिए गए थे।

आगर रोड स्थित नरेश जीनिंग मिल की 400 करोड़ रुपये मूल्य की करीब 5 हेक्टेयर जमीन पर बनी दुकानों पर 11 जनवरी को शासन का कब्जा हो गया था। प्रशासन की टीम ने उस समय जमीन से कुछ अतिक्रमण हटाते हुए शासन को बोर्ड लगवाया था। शेष अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। रविवार सुबह प्रशासनिक अमला इन दुकानों को तोड़ने पहुंचा। आधा दर्जन जेसीबी व एक पोकलेन मशीन की सहायता से कुछ घंटों में मिल परिसर में बनी 26 दुकानों को ढहा दिया। इस दौरान दुकान संचालकों को अपना सामान निकालने का मौका भी नहीं दिया गया। अधिकारियों ने बताया इस जमीन पर शीतल पेय कंपनी, पान की दुकान, आटाचक्की, टायर, इलेक्ट्रिक उपकरण की दुकान, प्रिंटिंग प्रेस, मेडिकल, नमकीन, होटल आदि की दुकानें थीं। कार्रवाई के दौरान कोयला फाटक से लेकर मंडी गेट तक यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था।

दो दिन पूर्व कलेक्टर ने दिए थे संकेत

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मिल कंपाउंड की आगर रोड पर बनी दुकानों को ढहाने के संकेत दो दिन पूर्व कलेक्टर ने दिए थे। शनिवार को इसे लेकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई थी। रविवार सुबह निगम अमले व पुलिसकर्मियों को आगर रोड पर पहुंचने के निर्देश दिए गए। इसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

कई बार बिकी

1910 से 1974 तक ये जमीन कई बार बिकी। पहले यह मिर्जामल नेवठिया के पास थी जिन्होंने रामनारायण नाथूराम को बेची। फिर घनश्याम पोद्दार ने खरीदी और बिनोद मिल कंपनी को बेची। बिनोद मिल ने छगनलाल पांचूलाल इंदौर को 1974 में बेची थी।