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मतदाता पर्चियों का अनाधिकृत वितरण और कब्जे में पाये जाने पर दण्डनीय कार्यवाही होगी – कलेक्टर

हरदा /कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एस विश्वनाथन ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्याशियों को नामांकन के समय शपथ-पत्र पूर्ण रूप से भरकर जमा कराना होगा और इस शपथ-पत्र को तीन बार प्रिन्ट मीडिया और तीन बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जारी करना होगा। इस शपथ पत्र में यह उल्लेख करना होगा कि उनके विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण लंबित है और यदि किसी प्रकरण में सजा मिल चुकी है तो इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख शपथ पत्र में करना होगा।

आयोग के निर्देशानुसार मतदान के 5 दिन पूर्व मतदाता पर्ची का वितरण पूर्ण हो जाएगा। इस बार मतदाता पर्ची में मतदान केन्द्र पहुँचने का नक्शा भी उपलब्ध रहेगा। पर्ची वितरण के समय बीएलओ मतदाता पर्ची की मतदाताओं से पावती प्राप्त करेगा। ऐसे मतदाता जिनको मतदाता पर्ची का वितरण नहीं हो पाया उनकी सूची पीठासीन अधिकारी अपने पास रखेगा । फोटो मतदाता पर्ची किसी अनाधिकृत व्यक्ति के पास पाये जाने या वितरण किये जाने पर लोक प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 तथा भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार उल्लघंन माना जायेगा और ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होगी।

सोशल मीडिया पर प्रचार से पहले लेनी होगी अनुमति
आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

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सोशल मीडिया और वेबसाइट पर चुनावी प्रचार के लिये भी अनुमति लेनी होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया और वेबसाइट भी रेडियो-केबल टीव्ही की तरह इलेक्ट्रानिक मीडिया हैं। जिस पर किए जाने वाले चुनाव प्रचार को कानूनी रूप में विनियमित करना आयोग का अधिकार है।

सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले चुनावी प्रचार का खर्चा संबंधित प्रत्याशी के खाते में शामिल किया जाएगा। साथ ही राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों से भी कहा है कि बिना अनुमति के सोशल मीडिया का उपयोग चुनावी प्रचार में न करें।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा निर्देशों में साफ किया गया है कि सोशल मीडिया मसलन ट्विटर, फेसबुक, यू-ट्यूब, विकीपीडिया और एप्स पर कोई भी विज्ञापन या एप्लीकेशन देने से पहले इसकी अनुमति अवश्य ली जाए। यह अनुमति मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) देगी। इसके लिये राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा।
सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापन का खर्चा भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल होगा। चुनावी खर्चे में उन व्यक्तियों एवं टीम के वेतन व भत्ते भी शामिल होंगे, जो उम्मीदवार या राजनैतिक दल का सोशल मीडिया एकाउण्ट या वेबसाइट संचालित करने का काम करते हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता पूरी तरह से लागू रहेगी। साथ ही वेबसाइट और सोशल मीडिया एकाउण्ट पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री इसके अधीन रहेगी।