मकड़ाई समाचार भोपाल। मध्य प्रदेश के बाहर शासकीय परिसंपत्तियों से आय बढ़ाने के लिए सरकार उनका नये सिरे से उपयोग करेगी। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 में बदलाव का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत मध्य प्रदेश के स्वामित्व वाली वे संपत्तियां जो अन्य राज्यों में है और अविवादित हैं, उन्हें नीति में शामिल किया जाएगा। वहीं, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के माध्यम से विभिन्न् विभागों की अनुपयोगी परिसंपत्तियों को नीलाम करने कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन और परिसरों के नये सिरे से उपयोग के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 में लागू की गई थी। इसका दायरा सीमित था लेकिन अब इसके विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नीति में संशोधन का मसौदा तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक निगम, मंडल, प्राधिकरण और नगरीय निकायों के भवन या परिसर भूमि का नये सिरे से उपयोग किया जा सकेगा। प्रदेश के बाहर स्थिति अविवादित और अनुपयोग संपत्ति भी नीति के दायरे में आएगी। प्रदेश की उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में संपत्तियां हैं।
पुनर्घनत्वीकरण के अलावा उन संपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया भी चल रही है, जो अनुपयोगी हैं। इसके लिए अब लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग बनाया गया है। सभी विभागों ने अपनी परिसंपत्तियों की जानकारी इस विभाग के पोर्टल पर दर्ज की हैं। विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई की लगातार समीक्षा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस कर रहे हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजस्व, वित्त, लोक निर्माण सहित अन्य विभागों का अभिमत लिया जा रहा है। इसके बाद पुनर्घनत्वीकरण नीति में संशोधन का प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।