मकड़ाई समाचार जोधपुर। जिले के फलोदी क्षेत्र स्थित उप कारागृह से 16 कैदी फरार हो गए। सोमवार को रात्रि भोजन के समय एकत्र हुए कैदी महिला गार्ड की आंखों में मिर्ची एवं सब्जियां फेंककर फरार हो गए। महिला गार्ड के जोर से चिल्लाने पर अन्य सुरक्षा कर्मी वहां पहुंचे तब तक 16 कैदी भाग चुके थे। घटना की सूचना मिलने पर आनन-फानन में नाकाबंदी कराई गई है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। भागे गए अधिकांश कैदी एनडीपीएस की धाराओं में जेल में बंद थे।
जोधपुर जिले के फलोदी कस्बे स्थित उप कारागृह में सोमवार शाम भोजन के लिए बंदियों को आवाज लगाई गई। इसके बाद पहुंचे जेल के बंदियों ने वहां मौजूद महिला गार्ड की आंखों में सब्जी और मिर्ची फेंकी और मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। महिला गार्ड के चिल्लाने पर मौके पर पहुंचे अन्य सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को भांप इसकी इत्तला उच्च अधिकारियों को दी। घटना की जानकारी मिलने पर जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह के आदेशों पर क्षेत्र में सघन नाकाबंदी करवाई गई, लेकिन अभी तक कोई सुराग नही मिल पाया है। आशंका यह व्यक्त की जा रही है कि कैदियों ने योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया है और उनकी मदद के लिए कारागृह के समीप अन्य वाहन रहे होंगे जिससे कि वे उनमें सवार होकर भागे हैं। घटना की सूचना मिलते ही उपखंड़ अधिकारी, उपपुलिस अधीक्षक, थानाधिकारी सहित आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। पुलिस ने फरार कैदियों को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी है। जेल से भागे कैदियों की सूची भी जारी की गई है।
फरार कैदियों की सूची जारी
फरार कैदियों की सूची जारी की गई है। अधिकांश कैदी मादक पदार्थ तस्करी से सम्बंधित है। जगदीश, प्रेम, अनिल, मोहन राम, श्रवण, मुकेश और शिवप्रताप एनडीपीएस मामले यानी कि मादक पदार्थ तस्करी के मामले में सजायाफ्ता हैं। वहीं सुखदेव, शौकत अली व अशोक 302 यानी हत्या के मामले में विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी थे। प्रदीप 304 यानी हत्या के प्रयास का आरोपी था।
कानून के बाद कारागृह व्यवस्था पर केंद्रीय मंत्री शेखवत ने उठाये सवाल
फलोदी के उप कारागृह से 16 बंदियों के फरार होने पर स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। सोमवार देर रात जारी अपने बयान में शेखावत ने कहा कि राजस्थान की कानून-व्यवस्था को सूली पर चढ़ाने के बाद अब कारागृह व्यवस्था की भी हालत नाजुक है। उन्होंने तंज कसा कि शुक्र है राज्य के पड़ोसी देश से लगे बॉर्डर की व्यवस्था इनके पास नहीं है, अन्यथा राजस्थान सरकार अपनी विफलताओं में विश्व में अव्वल आती।