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मेघालय खदान हादसा: परिजनों की भावुक अपील- अंतिम संस्कार के लिए उंगली ही दे दो

भारतीय नौसेना ने मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में कोयले के एक खदान के भीतर चार दिन पहले दिखाई दिए एक खनिक के क्षतविक्षत शव को बाहर निकालने के सभी प्रयास रविवार को बंद कर दिए। वहीं खनिकों के परिजन भी उनके जिंदा होने की आस छोड़ चुके हैं।

मजदूरों के परिवार वालों ने बचाव दल से शव को निकालने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि कम से कम शव के नाम पर उन्हे एक उंगली या हड्डी ही दे दो ताकि वह अंतिम संस्कार कर सकें। दरअसल नौसेना के गोताखोरों को बुधवार को खदान के मुख्य शाफ्ट से कम से कम 160 फुट नीचे एक खनिक का क्षतविक्षत शव दिखाई दिया था। इसके लिए उन्होंने मानवरहित,रिमोटली ऑपरेटेड वेहिकिल(आरओवी) का इस्तेमाल किया था।

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अभियान के प्रवक्ता आर सूसनगी ने बताया कि नौसेना ने शव को बाहर निकालने का काम बंद कर दिया क्योंकि आरओवी से शव निकालने की जितनी बार कोशिश की गई शव उतनी बार और क्षत विक्षत हुआ। शव निकालने का काम कम शाम से चल रहा था।

इस अभियान में अनेक एजेंसियां सहयोग कर रही हैं। इसमें खदान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने के लिए मुख्य शाफ्ट से पानी निकालने का काम किया जा रहा है लेकिन जलस्तर कम नहीं होने से पूरी कवायद का कोई फायदा नहीं निकला। उन्होंने बताया कि नौसेना के गोताखोर सरकार से आगे के निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मेघालय सरकार खोज एवं बचाव कार्य में पेश आ रही मुश्किलों के बारे में उच्चतम न्यायालय को अवगत करा सकती है।