Air India Express Crash: शुक्रवार शाम कोझिकोड में हुए विमान हादसे में 19 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। इस विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। जहां इस हादसे ने ताजा जख्म दिए हैं वहीं कुछ पुराने जख्मों को भी कुरेद दिया है। दरअसल, इस विमान हादसे ने लगभग 10 साल पहले मेंगलुरु में हुए हादसे की याद दिला दी है। संयोग से उस समय भी एयर इंडिया एक्सप्रेस का ही एक विमान दुर्घटना का शिकार हुआ था। इसके अलावा वह विमान भी दुबई से ही आ रहा था।
22 मई, 2010 को एयर इंडिया का ही विमान ऐसे ही हादसे का शिकार हुआ था। एयर इंडिया की दुबई से मेंगलुरु आ रही फ्लाइट संख्या 812 उतरते समय रनवे पर फिसलने लगी और ऐसे में पायलट्स ने इसे फिर से उड़ाने के काफी कोशिशें की लेकिन सफल नहीं हो सके। ऐसे में यह विमान रनवे को पार करते हुए पहाड़ी के बगल में बनी खाई में जा गिरा था। उस दुर्घटना में 158 लोगों की मौत हो गई। उस विमान में 160 यात्री और चालक दल के छह सदस्य थे। उस हादसे में चालक दल के सभी सदस्यों और 152 यात्रियों की जान चली गई। सिर्फ आठ यात्री ही बच सके थे।
यह भी एक टेबल टॉप रनवे ही था जहां विमान फिसला था। हालांकि, फर्क यह रहा कि मेंगलुरु हादसे में विमान में आग लग गई थी, लेकिन कोझिकोड में हुए हादसे में विमान में आग नहीं लगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, मेंगलुरु में हुए हादसे में पायलट्स ने विमान को रनवे के बीच में लैंड करवाया था और फिर आशंका होने पर फिर टेक ऑफ की कोशिश की जिसके लिए उन्होंने थ्रस्ट और पावर का उपयोग किया। उनकी कोशिश सफल नहीं हुई और विमान फिसलकर रनवे के बाहर गिर गया।
हादसा भीषण था और इस वजह से विमान में मौजूद ईंधन में आग लग गई और इस वजह से 158 लोगों की मौत हो गई। वहीं कोझीकोड के हादसे की तीव्रता कम थी। पायलट्स ने पूरी कोशिश करते हुए विमान को काबू में करने के प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सके। हालांकि, तीव्रता कम होने की वजह से इसमें आग नहीं लगी।