महासमुंद। रक्तदान को महादान कहा जाता है। जरूरतमंदों को रक्तदान निश्चय ही करना चाहिए। क्योंकि रक्त खरीदा और उत्पादन नहीं किया जा सकता है। रक्त की आवश्यकता आपातकाल में कभी भी और किसी को भी हो सकती है। वहीं, थैलेसेमिया और एनिमिया जैसी रक्त संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है। इन दिनों संपूर्ण विश्व सहित भारतवर्ष और छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। इसके साथ ही यातायात संसाधन क्षेत्र एवं रक्त-दान एवं भंडारण प्रक्रिया में भी आंशिक रूप से प्रभाव पड़ा है। इसे देखते हुए एहतियाती तौर पर कदम उठाकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून 2020 से सेव ब्लड सेव लाइफ की थीम के तहत आमजनों से विनम्र अपील की है कि वे रक्तदान-महादान अवश्य करें। यह पूरी तरह से सुरक्षित और स्वयं को भी स्वस्थ रखने के लिए अनुकरणीय है।
रक्तदान करने से दोहरा लाभ होता है। इसके लिए निधार्रित मापदंड में जांच उपरांत किए गए रक्तदान से रक्तदाता के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है साथ ही रक्त प्राप्त करने वाले का जीवन भी दीर्घायु होता है। जिला चिकित्सालय महासमुंद की ब्लड बैंक इकाई से मिली जानकारी के आज से आगामी निर्धारित तय दिवसों में प्रत्येक दिन पांच-पांच की बारी में प्रतिदिन कुल पच्चीस लोगों से सुरक्षित तौर पर रक्तदान कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
कौन कर सकता है रक्तदान
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद 45 से 50 किलोग्राम से ज्यादा वजन होने पर रक्तदान कर सकता है। रक्तदाता को एचआईवी, हेपाटिटिस बी या हेपाटिटिस सी जैसे रोग न हुए हों, शरीर में आयरन की मात्रा भरपूर रखें, इसके लिए रक्तदान से पहले बीन्स, पालक, किशमिश या अन्य आयरन से भरपूर चीजें जरूर खाएं।
इसलिए रक्तदान करना है फायदेमंद
दिल की सेहत सुधरती है। हार्ट अटैक, खून का थक्का जमने की आशंका भी कम होती है, वजन कम करने में मदद कर सकता है, साल में कम से कम एक से दो बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए एवं शरीर में ज्यादा आयरन होने से लिवर में पड़ने वाले दबाव को भी रक्तदान कम करने में सहायक होता है।