राघौगढ़ के हनुमंत दास ने धीरेंद्र शास्त्री की तर्ज पर दिव्य दरबार लगाया, पर्चा में समस्या का समाधान लिखा
मकडाई समाचार राजगढ़|जिले के जूनापानी के समीप 70 वर्षीय पुराने मंदिर पर हनुमंत दास नामक युवा पुजारी ने दो दिन तक धीरेंद्र शास्त्री की तर्ज पर दिव्य दरबार लगाया था। जहां न केवल उन्होंने बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री की तर्ज पर भीड में से नागरिकों को स्वयं नाम लेकर बुलाया, बल्कि लिखकर उनकी समस्याएं भी बताते हुए उनका समाधान का आश्वासन भी दिया गया। रविवार व सोमवार को दिव्य दरबार लगाने के बाद वह यहां से जा चुके हैं। अब अप्रैल में तीन दिन दरबार लगेगा।
जानकारी के मुताबिक जीरापुर क्षेत्र के रामगढ़ के समीप जूनागढ़ में शिवधाम है। यहां पर ग्रामीणों द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया था। जिसमें कथावाचक महेश शास्त्री व आकाश शास्त्री से कथा करवाई थी। उज्जैन के महेश शा़स्त्री ने दिव्य दरबार लगाने वाले हनुमंत दास के बारे में ग्रामीणों को बताया था। तब ग्रामीणों ने उन्हें आमंत्रित किया। इसी बीच दो दिन के लिए गुना जिले के राधौगढ़ स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के सेवक हनुमंत दास उम्र करीब 30 वर्ष आए थे। उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की तर्ज पर रविवार व सोमवार को दो दिन दिव्य दरबार लगाया।
कथा पंडाल में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। इसी बीच हनुमंत दास उक्त पांडाल में पहुंचे थे।उनके हाथ में हनुमानजी का गदा था व गले में हनुमानजी का लाकेट धारण किए हुए थे। पांडाल में पहुंचकर परिसर में बने मंदिरों पर भगवान के दरबार में मत्था टेकर दर्शन किए इसके बाद गादी ग्रहण की व आंखे बंद कर मंत्रोच्चार किया। इसके बाद भीड़ में से एक-एक करके कुछ लोगों को पुकारा व गादी के समीप बुलाया। पर्चे पर लिखकर उन्हें उनकी समस्याएं बताई। धीरेंद्र शास्त्री की तर्ज पर पूछा कि आपने यहां यह समस्या किसी को बताई तो नहीं थी। एक ग्रामीण को नाम लेकर बुलाया। वह जब वहां पहुंचे तो उन्हें उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम बताए व संबंधित ग्रामीण से पूछा कि यह कौन लगते हैं। ग्रामीण ने अपने माता, पिता, भाई, बहु होने की बात कही। इसके बाद ग्रामीण से परेशानी पूछी तो उन्होंने नहीं बताई। इसके बाद खुद हनुमंत दास ने उनकी दो समस्याएं बताई और कहा कि जल्द निराकरण हो जाएगा।