शिक्षक व क्लर्क की बड़ी लापवरवाही के चलते छात्र मयंक परीक्षा नही दे सकेंगा ,पूरा साल बर्बाद हो जायेगा
मकड़ाई समाचार बिलासपुर । शिक्षक व क्लर्क की बड़ी लापवरवाही के चलते बुधवार से शुरू होने वाली 12वीं बोर्ड की परीक्षा में भारत माता हिंदी माध्यमिक विद्यालय के बायोलाजी संकाय का छात्र मयंक साहू शामिल नहीं हो पाएगा। शिक्षक और लिपिक ने उसका परीक्षा फार्म ही नहीं भरवाया। बोर्ड से कोई पत्राचार भी नहीं किया। इस गलती के कारण मयंक का अब पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षा बुधवार को शुरू होगी। सुबह नौ बजे से प्रथम भाषा हिंदी विषय की परीक्षा होगी। रेलवे परिक्षेत्र स्थित भारत माता स्कूल का छात्र मयंक साहू इसमें शामिल नहीं होगा। तिमाही व छमाही परीक्षा में शामिल होने के साथ मयंक की पूरी फीस भी जमा है। फिर भी बोर्ड की परीक्षा से वंचित होगा। दरअसल शिक्षक पंकज मिश्रा और लिपिक ग्लौरिया खलको ने न तो उसका परीक्षा फार्म भरवाया और न ही इस बारे में किसकी को जानकारी दी।
मंगलवार को एनएसयूआइ पदाधिकारी अभिलाष रजक, सोहराब खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। इसके बाद मामला बाहर आया। विरोध के बाद प्राचार्य फादर पंकज ने तत्काल शिक्षक और लिपिक को कार्यमुक्त कर दिया। छात्र परीक्षा में शामिल करने शिक्षा विभाग के चक्कर काटता रहा।
जांच रिपोर्ट का पता नहीं
मामले में जिला शिक्षा विभाग ने छात्र के पिता की शिकायत पर जांच भी कराई है। लेकिन जांच रिपोर्ट का पता नहीं चला। खबर है कि जांच करने वाले प्राचार्य ने रिपोर्ट विभाग को सौंप दिया है। रिपोर्ट में शिक्षक और लिपिक को जिम्मेदार बताया गयाहै। फिलहाल रिपोर्ट का पता नहीं है, जबकि बुधवार से परीक्षा शुरू होनी है।
जांच रिपोर्ट का पता नहीं
मामले में जिला शिक्षा विभाग ने छात्र के पिता की शिकायत पर जांच भी कराई है। लेकिन जांच रिपोर्ट का पता नहीं चला। खबर है कि जांच करने वाले प्राचार्य ने रिपोर्ट विभाग को सौंप दिया है। रिपोर्ट में शिक्षक और लिपिक को जिम्मेदार बताया गयाहै। फिलहाल रिपोर्ट का पता नहीं है, जबकि बुधवार से परीक्षा शुरू होनी है।स्कूल प्रबंधन को नोटिस
छात्र मयंक का मामला सामने आते ही हमने जांच बिठाकर बोर्ड को सूचित कर दिया है। भारत माता स्कूल प्रबंधन को नोटिस भी देंगे। यदि छात्र उपस्थित नहीं हुआ तो स्कूल को नियमानुसार बोर्ड को पत्राचार करना था। यह एक गंभीर लापरवाही है। — डीके कौशिक; जिला शिक्षा अधिकारी,बिलासपुर