अनिल उपाध्याय खातेगांव:मौत बरहक है मौत सभी को आनी है लेकिन कोई अपना चला जाए तो मन का टूटना वाजिब है। जी हां खातेगांव क्षेत्र ही नही बल्कि दूर-दराज के गांव में भी अपनी अच्छी पैठ रखने वाले समाजसेवी हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कोरोना योद्धा मैकेनिक
लियाकत मंसूरी (44) का शनिवार शाम को नेमावर रोड स्थित निर्माणाधीन गैराज की छत पर बिजली का करंट लगने से इंतकाल हो गया।
मौत की खबर सुनकर परिजनों के साथ साथ पूरे खातेगांव क्षेत्र में लोग गमजदा हो गए। लियाकत मंसूरी की मौत पर हर कोई अफसोस कर रहा है। क्योंकि वह ऐसे शख्सियत ही थी, कि बच्चों में बच्चे और बूढ़े में बूढ़े बन कर उन्हीं के साथ घुलमिल जाते थे। श्री लियाकत मंसूरी ने अपने जीवन काल में चाहे वो खेल जगत रहा हो या राजनीत रही हो या रही हो व्यापार की बात। उन्होंने सभी जगहों पर अपना नाम कमाया। नाम के साथ साथ शोहरत भी कमाया। उनके दुनिया छोड़ने पर एक धर्म को ही नहीं बल्कि सभी धर्मों को तकलीफ हुई है। उनकी मौत पर भाजपा नेता एवं अग्रवाल समाज के वरिष्ठ समाजसेवी शेखर अग्रवाल, एडवोकेट एवं पत्रकार पंडित अनिल उपाध्याय, कांग्रेस नेता रफीक शेख
ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि लियाकत मंसूरी बहुत ही मिलनसार और अच्छे व्यक्तित्व के इंसान थे।वह समाज के हित के लिए निरंतर प्रयास करते रहते थे। हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल थे। कोरोना काल के दौरान जब लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, ऐसे समय में उन्होंने ऑक्सीजन की अनवरत लगातार पूर्ति कर नगर को इस कोरोना महामारी से बचाने में कोरोना योद्धा के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।