सरकार ने अपना रूख बदलते हुए कहा कि अब प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी देश में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन देकर प्रशासन से जुड़ी जानकारी लेने का हक होगा। कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आठ अगस्त, 2018 को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि एनआरआई आरटीआई कानून के तहत अर्जी देने के लिए पात्र नहीं हैं।
गौरतलब है कि कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने यह रेखांकित करते हुए हाल ही में लिखा था कि पारर्दिशता कानून के तहत प्रत्येक भारतीय को सूचना पाने का अधिकार है, इसके बाद ही मंत्रालय ने अपने रूख में सुधार किया है। मंत्रालय ने इससे पहले अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘‘सिर्फ भारतीय नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत सूचनाएं मांगने का अधिकार है। एनआरआई आरटीआई के तहत अर्जी देने के लिए पात्र नहीं हैं।’’ इस संबंध में नयी और सुधार के साथ प्रतिक्रिया को लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
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चौधरी मोहन गुर्जर मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है | आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है। आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है |