सात पीढीयों के सगे परिवार का आज मिलन समारोह आयोजित हुआ जामली में वंशावली का महत्व अब समाज में रेखांकित होने लगा – अशोक गुर्जर
देव दर्शन के पश्चात परिवार के सदस्यों से मिले-जुले कुटुंब के सदस्य
गोत्र सम्मेलन की हुई बात
हरदा:वर्षों पूर्व छोड़ चुके अपने गांव जामली में आज गुर्जर समाज के मलगाएं गोत्र के सदस्य अपने देवस्थान भीलट बाबा पर आए और अपने पूर्वजों के हाथ रोपित पीपल के वृक्ष को जल अर्पण किया एवं उक्त वृक्ष की छांव में विराजित अपने कुलदेव भिलट बाबा को वार्षिक भेट- पूजा चढ़ाई एवं प्रसादी वितरण का कार्यक्रम हुआ, कन्या भोज के साथ आरंभ यह प्रसादी वितरण का कार्यक्रम ग्रामीण ने भी ग्रहण किया।
गांंव में आये परिवार के सदस्यों ने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया भोपाल से पधारे राधाकिशन गुर्जर जो कि मध्य प्रदेश वित्त सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं अपने दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर दामादों के साथ पधारे तो वही इंदौर से सत्यनारायण बाबा की आए थे जिन के सुपुत्र सुपुत्री भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है भुवाना प्रांतीय गुर्जर सभा के महासचिव अशोक गुर्जर ने बताया कि जब से गुर्जर समाज में वंशावली पूजन का कार्यक्रम हुआ है तब से लेकर समाज के सभी गोत्रों में वंशावली के प्रति जागरूकता बढ़ी है हम आधुनिकता की दौड़ में कितने भी आगे निकल जाएं अगर हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो संस्कार और संस्कृति हमारा संरक्षण करेंगे और हमारा मन शांत एवं प्रफुल्लित रहेगा जोकी प्रगति के लिए आवश्यक है आज इस कुटुंब समागम में हमारी 7 पीढ़ियों की जीजी-बहने , बहनोई और फूफा भी कार्यक्रम में भागीदारी करने पधारे थे जिन्होंने की आयोजन की महत्ता को आत्मीयता के भाव से भरा था, भिलट देव स्थान पर वर्षों से हमारी पीढ़ियां वर्ष में 1 दिन एकत्र होते हैं एवं यही भोजन प्रसादी ग्रहण करते और विदा होते हैं आज के इस आयोजन में पोखरनी, शिंदखेड़ा, छिदगांव तमोली, ढोलगांव, बालागांव, डेडगांव, बाफला, सिरकंबा आदि गांव से सैकड़ों कुटुंब जन देव स्थल पर पधारे एवं निकट भविष्य में मलगाया गोत्र सम्मेलन करने की योजना बनाई जिससे कि अपनी गोत्र परंपरा और वंशावली का लेखन कार्य पूर्ण हो सके।
आज 7 पीढ़ियों के पूर्वजों के नामों का वाचन भी किया गया जिससे अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपने पुरखों का नाम याद रह सके, कार्यक्रम में पोखरनी से दिनेश गुर्जर गणेश गुर्जर छिदगांव तमोली से रामजीवन गुर्जर शेखर गुर्जर हरदा से ओम प्रकाश गुर्जर ने सक्रिय भागीदारी करते हुए भोजन प्रसादी निर्माण में वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।