मकड़ाई समाचार हरदा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एच.पी.सिह ने बताया कि,बाल मृत्यु में कमी लाना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के प्रमुख लक्ष्यो में से एक है। पाम्च वर्ष से कम आयु संवर्ग में दस्त रोग मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। बाल्यकाल में 6.4 प्रतिषत मृत्यु दस्तरोग के कारण होती है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 62 हजार बच्चो का मृत्यु दस्तरोग से हो जाती है। मानसून/वर्षाकाल में दस्तरोग होने की संभावना अत्याधिक होती है।
दो वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चे तथा कुपोषित बच्चो में दस्तरोग से सर्वाधिक प्रभावित होते है। दस्तरोग से होनेवाले प्रकरणों में जिंक एवं ओआरएस के उपयोग तथा उचित आहार की निरंतरता से निर्जलिकरण को रोका/उपचारित किया जा सकता है। स्वच्छ पीने का पानी ,साफ सफाई, स्तनपान/उचित आहार तथा साबुन एवं पानी से हाथ धोने से दस्तरोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
दस्तक अभियान के तहत एएनएम,ऑगनवाडी कार्यकर्ता एवं आषा कार्यकर्ताओ के द्वारा विभिन्न ग्रामो के साथ ही वार्डो में जन्म से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चो में बाल्य काल में होने वाली बीमारियो की पहचान की जा रही है। साथ ही परिवार जनो को घर-घर जाकर ओआरएस घोल बनाने की विधि बताई जा रही है। तथा प्रत्येक बच्चे को 1-1 ओआरएस के पेकेट जिन बच्चो में दस्तरोग के लक्षण है उन्हे दो-दो ओआरएस के पेकेट एवं जिंक की गोली का वितरण भी किया जा रहा है।
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चौधरी मोहन गुर्जर मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है | आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है। आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है |
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