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सड़क पर दो दिन तक पड़ा रहा शव, कुचलती रहीं गाड़ियां, सड़क पर सिर्फ हड्डियों के टुकड़े मिले

मकड़ाई समाचार रीवा। जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने मानवता को तार-तार कर दिया है। यहां सड़क पर पड़े एक बुजुर्ग के शव को दो दिन तक गाड़ियां कुचलती रहीं। चुरहट में हुई इंसानी शरीर की इस दुर्गति की भनक पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को भी नहीं लगी। तीसरे दिन सुबह एक राहगीर ने सड़क पर मैले-कुचेले कपड़े देखकर पड़ताल की, तो पाया कि कपड़ों के आसपास मक्खियां भिनभिना रही हैं। कपड़े हटाने पर वहां हड्डियां दिखीं। राहगीर की सूचना पर पुलिस पहुंची और पर्दाफाश हुआ कि ये हड्डियां इंसान की थीं। पुलिस के मुताबिक, बुजुर्ग की पहचान सतना जिले के सोनवर्षा गांव में रहने वाले संपतलाल (75) के रूप में हुई है। वे 17 फरवरी को चुरहट में रहने वाली अपनी बेटी के घर जा रहे थे। संपतलाल गांव से ट्रैक्टर पर बैठकर आए। रामनगर से वे बस में सवार हुए। बस से रीवा के बायपास पर उतरकर पैदल बेटी के गांव जाने लगे। इसी दौरान किसी गाड़ी ने उन्हें टक्कर मारी और कुचलते हुए निकल गई।

पूरी रात और दिन होती रही दुर्गति

कहने को हाईवे पर पुलिस की गश्त होती है, लेकिन घटना के बाद किसी ने उनकी सुध नहीं ली। पूरी रात गाड़ियां बुजुर्ग के शव को कुचलती रहीं। अगली सुबह तक मांस और अंग कुचले जाने के कारण सिर्फ उनके कपड़े, कंबल और हड्डियां बचीं। दूसरे दिन भी गाड़ियां उनके अवशेषों के ऊपर से गुजरती रहीं।

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कपड़े में बांधकर लानी पड़ीं हड्डियां

राहगीर की सूचना पर 20 फरवरी को पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक लगातार गाड़ियों के नीचे कुचले जाने से हड्डियां भी टुकड़ों में बंट चुकी थीं। हालत ये थी कि इन्हें समेटकर कपड़े में बांधना पड़ा।

परिवार ने कंबल-कपड़ों से की शिनाख्त

घर से निकलने के बाद दो दिन तक बेटी के घर न पहुंचने पर संपतलाल के घरवाले उनकी खोज कर रहे थे। पुलिस के पास पहुंचने पर उन्होंने कपड़े और कंबल से उनकी पहचान की। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए हड्डियों को रीवा के संजय गांधी अस्पताल भिजवाया है। अब तक बुजुर्ग को टक्कर मारने वाली गाड़ी का पता भी नहीं चल पाया है।