हरदा : खुले में मांस के विक्रय पर रोक लगे, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियंत्रित प्रयोग हो: राजस्व व पुलिस अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश: अपर कलेक्टर डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा
हरदा : प्रदेश के विभिन्न शहरों में सामान्यतः किसी भी प्रकार के व्यवसाय, दुकान, बाजार या रेहड़ी आदि लगाने के लिये नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत अनुमति प्रदान की जाती हैं। विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मांस एवं मछली के विक्रय के लिये नगरीय विकास विभाग के अधिनियमों के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रावधान लागू होते हैं। इन प्रावधानों का हरदा जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में पालन किया जाए। यह निर्देश अपर कलेक्टर डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने कलेक्ट्रेट में सोमवार को आयोजित राजस्व व पुलिस अधिकारियों की बैठक में दिये। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आर.डी. प्रजापति के अलावा सभी एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार व थाना प्रभारी मौजूद थे। अपर कलेक्टर डॉ. गौड़ा ने बैठक में निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच अथवा दरवाजा एवं साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। उन्होने कहा कि 31 दिसम्बर तक विशेष अभियान आयोजित कर खुले में मांस व मछली के विक्रय को प्रभावी ढंग से रोका जाए।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कराएं –
अपर कलेक्टर डॉ. गौड़ा ने बैठक में निर्देश दिये कि राज्य शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान पर निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही लाउड स्पीकर व डीजे आदि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाए। उन्होने लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये। उन्होने बताया कि मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के प्रावधानों तथा सर्वाेच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। अपर कलेक्टर डॉ. गौड़ा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिये कि धर्म गुरूओं से संवाद और समन्वय स्थापित कर लाउड स्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जाये।