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मप्र: धान खरीद और मिलिंग में 150 करोड़ का घोटाला: धान घोटाले मे 60 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी

प्रदेश के बालाघाट, सतना, सीधी, मैहर, डिंडौरी, सागर, पन्ना और सिवनी में धान खरीदी में गड़बड़ी मिलने पर 38 समितियों पर FIR, 135 व्यक्तियों को बनाया आरोपी

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल।फसल खरीदी केंद्र और समितियो के अधिकारी और कर्म चारी की मिली भगत से किसानो की उपज और सरकार योजनाओ मे घपला किया जा रहा है। प्रदेश मे  धान खरीद और मिलिंग की शिकायतो पर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच की जाने पर धान खरीदी घोटाला डेढ़ सौ करोड़ रुपये की राशि पार कर गया है।जिसमे करीब 60 हजार किव्ंटल धान की गड़बड़ी मिली है।

 

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश में धान खरीदी समितियां के विरुद्ध की जा रही जांच में खुलासा हुआ कि ऐसा घोटाला पहली बार नहीं हुआ है बल्कि आशंका यह है कि यह बरसों से चला आ रहा है। फिलहाल अब तक 60 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी उजागर हुई है।

 

इस घोटाले मे जांच के घेरे मे मुख्य बिन्दु ये है कि खरीदी केंद्र समितियों व अधिकारियों की आपसी सांठ गांठ के चलते धान की खरीदी से लेकर गोदाम माल पहुचने की इंट्री कागजों में बता दी जाती है। इसके साथ इनका परिवहन शुल्क का पैसा भी ये लोग खा जाते है।

अब तक की कार्यवाही

मप्र आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा अब तक 38 समितियां के विरुद्ध एफआईआर कर चुका है। इसमें 135 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है।प्रदेश के बालाघाट, सतना, सीधी, मैहर, डिंडौरी, सागर, पन्ना और सिवनी में यह गड़बड़ी मिली है।

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ईओडब्ल्यू की जांच में राइस मिल से कई राज्यों की बोरियां बरामद हुई हैं। इनमें पाया गया कि इस वर्ष जिस मात्रा में राइस मिलों को धान दिया गया था, वह कम मिला। इसके साथ ही 2297 क्विंटल चावल हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र,बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा की बोरियों में पाया गया है।

मंत्री राजपूत ने दिए जांच के निर्देश

मप्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने धान उपार्जन के सत्यापन एवं अन्य शिकायतों पर जांच दल गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं।

कैसे होगी गडबडी की जांच

जांच दल के अध्यक्ष कलेक्टर द्वारा नामांकित अपर, संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर होंगे।

जांच दल द्वारा उपार्जित धान, धान परिवहन, धान जमा, धान कमी की मात्रा, मिलर्स को भुगतान की स्थिति, मिलवार धान प्रदाय की मात्रा, धान उठाव की मात्रा और मिलवार सीएमआर जमा मात्रा की विस्तृत जांच की जाएगी।