सरकार गरीबो को आवास देने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही है।वही जिले का एक ग्राम ऐसा भी है जहां 20 परिवार 40 वर्षो से सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने को मजबूर है इस ओर शासन प्रशासन ने कभी ध्यान ही नही दिया।पंचायत के जिम्मेदारों का कहना हैं कि हमने कलेक्टर को कई बार इस संबंध में पत्र भी लिखा है। अभी तक इनके रहने की कोई व्यवस्था नही हुई ।
मकड़ाई समाचार हरदा। जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सुखरास में लगभग 20 गरीब आदिवासी परिवार शासन की योजनाओं से वंचित है। जो लगभग 40 साल से गॉव में रह रहे है। लेकिन मूलभूत सुविधाओं से तरस रहे है। जब इनसे चर्चा की जाती है तो ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के समय वोट मांगने सभी पार्टी के नेता जनप्रतिनधि आते है लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद हमारी समस्या सुनने कोई नही आता। हम लोग सिर्फ मतदान करने के लिये है। हम लोग यहां पर दो पीढियो से रह रहे है। हमारा जीवन निर्वाह इसी झोपड़ियों रहकर गुजरा है। हमारे रहने का स्थायी न होने से सरकारी अनेक योजनाओं का लाभ नही ले पा रहे है। सीएम और पीएम आवास योजनाओं का लाभ भी हम लोग नही ले पा रहे है।शासन की योजना कैसे मिलेगी जब रहने को घर जमीन ही नही मिलेगी ।
जमीन ही नही है तो सरकारी पट्टा कैसे मिलेगा
सुखरास बहमनगॉव मार्ग पर 20 अदिबासी परिवार 40 बर्षो से झुग्गी झोपड़ी में रह रहे है। जिन्हें सरकारी पट्टा नही मिलने से शासन की योजनाओं से वंचित है। ग्राम पंचायत द्वारा इन्हें शौचालय बनाकर दिया गया है। लेकिन आवास योजना का लाभ लेने के लिये जमीन नही है।बताया जाता हैं कि पंचायत के पास सरकारी जमीन नही है जहां इन्हे स्थायी निवास दिया जा सकें।ग्राम पंचायत सरपँच प्रतिनिधि मनीष गुर्जर बोले कई बार इस समस्या के लिये कलेक्टर सहित अधिकारियों को लिखा पत्र नही दिया किसी ने अभी तक ध्यान नही दिया है। मंगलवार को मूलनिवासी स्वाभिमान सेना प्रमुख (विधि सलाहकार ) विक्रांत सिंह कुमरे सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट एवं मूल निवासी स्वाभिमान सेना प्रभारी केएस शुक्ला द्वारा ग्राम सुखरास पहुँचे। संगठन के पदाधिकारियों ने इन परिवारों से मिलकर इनकी समस्याओं को सुना साथ ही उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिलाया। मूल निवासी स्वाभिमान सेना के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा की। अब देखना है कि जिला प्रशासन इन गरीब परिवारों की मदद कब तक करेगा।