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प्रसव के पहले डाक्टर ने मांगे 10 हजार रुपये, आपरेशन में देरी से नवजात की मौत

मकड़ाई समाचार उमरिया। एक बार फिर जिला अस्पताल की एक महिला डाक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यह मामला तब सामने आया जब नवजात की मौत के बाद स्वजन ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से शिकायत की। करकेली निवासी शिकायतकर्ता उषा कचेर पति स्व राममूरत कचेर ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से इस मामले में लिखित शिकायत की है। उन्होंने शिकायत पत्र में लिखा है कि शुक्रवार नौ सितंबर को उनकी बहू सुलोचना पति अमित कचेर को प्रसव वेदना रही थी और जिला अस्पताल की डॉक्टर पैसों की मांग में समय बर्बाद कर रही थी, जिसकी वजह से हुई देरी के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई।

यह है घटनाक्रम

शुक्रवार नौ सितंबर को सुलोचना पति अमित कचेर प्रसव वेदना के बाद जननी एक्सप्रेस की मदद से जिला अस्पताल लाया गया था भर्ती किया गया था। प्रसव पूर्व महिला चिकित्सक ने कहा कि सामान्य प्रसव मुश्किल है, ऑपरेशन की मदद से ही प्रसूता का प्रसव सम्भव है, जिसके लिए प्रसूता को बेहोश करना होगा और डॉक्टर को जबलपुर से बुलाना होगा, जिसका चार्ज 10 हजार रुपये लगेंगे।

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की गई पैसों की व्यवस्था

स्वजन ने किसी तरह दस हजार रुपये की राशि एकत्रित कर महिला चिकित्सक को सरकारी आवास पर दे दी। इसी बीच प्रसुता की हालत अत्यंत गम्भीर हो गई, जिसको देखते हुए स्वजन ने उन्हें जल्द अस्पताल जाने का निवेदन किया पर महिला चिकित्सक ने पुनः अपनी फीस के रूप में 5 हजार की मांग कर दी। इस बीच प्रसूता की हालत ज्यादा बिगड़ गई और अस्पताल में मौजूद ड्यूटी नर्स ने डिलवरी करा दी। जबकि डॉक्टर प्रसुता को देखने अस्पताल नहीं गई।

कलेक्टर ने कहा होगी कार्रवाई

शिकायतकर्ता उषा कचेर ने बताया कि जज्जा और बच्चा की हालत ज्यादा बिगड़ती देख जच्चा-बच्चा दोनों को तत्काल कटनी अस्पताल ले गए,परन्तु कुछ ही देर में बच्चे की मृत्यु हो गई। इस मामले में शिकायत की कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से की गई है। जिस पर कलेक्टर ने जांच कर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिला पंचायत सदस्य बबलू सिंह ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मानवीयता को झकझोर देने वाले ऐसे मामले दुर्भाग्यपूर्ण है और गहरे आघात देने वाले हैं। ऐसे मामलों में जांच उपरांत अगर शिकायत सत्य पाई जाती है तो दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की रूरत है।