मकड़ाई समाचार सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में प्रसव के तीन दिन बाद प्रसूता की मौत हो गई। महिला की मौत पर स्वजनों ने बीएमसी के मुख्य गेट पर हंगामा किया। उन्होंने बीएमसी प्रबंधन पर लापरवाहीपूर्वक इलाज करने का आरोप लगाते हुए जमकर आक्रोश जताया। स्वजनों ने मृतका का शव का पीएम कराने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि प्रसव के बाद महिला स्वस्थ थी। तीन दिन बाद अचानक तबीयत खराब होने के बाद डाक्टरों ने उसे ब्लड चढ़ाने के लिए कहा। जिला अस्पताल से लाकर जैसे ही प्रसूता को ब्लड चढ़ाया गया, तभी से काजल की तबीयत बिगड़ी और चार घंटे में ही उसकी मौत हो गई। आक्रोशित स्वजनों ने बीएमसी के मुख्य गेट पर बैठ कर प्रदर्शन किया। लोगों के गुस्से को देखते हुए बीएमसी के मुख्य गेट बंद कर दिया गया। इस मौके पर बड़ी देर तक गहमा-गहमा का माहौल रहा। अस्पताल में एंबुलेंस व मरीजों को छोड़कर किसी को नहीं आने दिया।
स्वजन मेडिकल कालेज के डीन को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन डीन नहीं आए। इस बीच सीएसपी प्रवीण आष्ठाना, गोपाल थाना निरीक्षक कमल सिंह ठाकुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति को संभाला। गेट पर हुए प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों व मेडिकल कालेज के सुरक्षा कर्मियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।
मृतका 28 वर्षीय काजल सेन की बहन पायल ने बताया कि वे अपनी बहन को 16 अक्टूबर को बीएमसी लाई थी। यहां उन्होंने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। तीन दिन बाद 19 अक्टूबर की शाम को बीएमसी के डाक्टरों ने कहा कि प्रसूता को ब्लड की जरूरत है। काजल के परिजन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड एक्सचेंज करके लाए। जिसे बीएमसी में चढ़ाने के बाद काजल की तबीयत बिगड़ने लगी। मरीज की तबीयत बिगड़ता देख स्वजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में दिखाने की भी बात कही, लेकिन डाक्टर आईसीयू ले गए। जहां रात करीब 9.30 बजे डाक्टरों ने बाहर निकल कर स्वजनों को बताया कि काजल की मौत हो चुकी है। काजल की बहन पायल ने बताया कि वार्ड में मौजूद नर्सों का व्यवहार काफी अभद्र रहा। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद नर्स व डॉक्टरों ने आपरेशन के नाम पर उनसे पांच हजार रुपये लिए। उनकी बहन की मौत के बाद भी नर्स अभद्र व्यवहार करती रहीं। सीएसपी प्रवीण आष्ठाना ने शिकायत की जांच कराने की बात कही।