मकड़ाई समाचार हरदा। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के सहायक ग्रेड तीन के पद पर पदस्थ गणेश पिता नारायण प्रसाद दवे उम्र 47 साल को दोषी पाते हुए 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार अहिरवार ने बताया कि गत 15 जून 2018 को पीड़िता ने सिटी कोतवाली ने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह बीते चार सालों से पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्रोफेसर गणेश दवे को डांस सीखने के संबंध में बातचीत से जानती पहचानती थी। इस दौरान आरोपी पीड़िता को पढ़ाई में मदद के साथ रुपए भी देता था और मोबाइल पर उससे बातचीत करता रहा। कुछ दिन बाद कॉलेज ले जाकर बिना मर्जी दुष्कर्म किया था। वही यह बात किसी को बताने पर पिता को जान से मारने की धमकी दी थी।
इस मामले में थाना हरदा में धारा 376(2), 354 A, 506 भादवि और 5/6 पाक्सो एक्ट के अंतर्गत कायम कर जांच की गई। जांच के बाद अभियोग पत्र विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक जतिन दुबे ने की।
21 दिसंबर बुधवार को न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 376 (2) (ढ) भा.द.सं. में 10 साल का सश्रम कारावास और 1000 रू जुर्माना एवं धारा 354 (क) (1) (i), 354 (क्) (2), भा.द.सं. में 2 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपए जुर्माना और 5/6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 1000 रुपए जुर्माना लगाया है।