ब्रेकिंग
सिंधिया से शिकायत का महंगा अंजाम: पार्षद के भाई को पीटा हंडिया : अच्छी बारिश की कामना के साथ आषाढ़ मास की हलहारिणी अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई मा... 14 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म: आरोपी ने मारपीट कर नाबालिग बालिका को नहर किनारे छोड़ा, आरोपी हिरासत म... मोदी सरकार जनता को गुमराह कर रही है मोदी सरकार : मोहन बिश्नोई  आंगनवाड़ी केन्द्रों में विधिक साक्षरता शिविर सम्पन्न संविधान हत्या दिवस’ के अवसर पर कार्यक्रम सम्पन्न राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में :3 आरोपियो से होगी आमने सामने पूछताछ मरहूम लियाकत भाई मंसूरी की याद में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, सैकड़ों मरीजों ने लिया लाभ अभा साहित्य परिषद के अधिवेशन में शामिल हुए जिले के साहित्यकार 9 बच्चों की मां ने प्रेमी से मिलकर पति की कर दी हत्या

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर: लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती

मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई और इसके ठीक अगले दिन उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है|

मकड़ाई समाचार दिल्ली |सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई और इसके ठीक अगले दिन उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें मांग की गई है कि विधायी संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपने आप ही अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए।

क्या कहा था राहुल गांधी ने….

- Install Android App -

यह पूरा मामला साल 2019 का है जब चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सभी मोदी सरनेम वाले चोर हैं।  भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के मामले में राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की थी। यदि राहुल गांधी को जमानत नहीं मिलती तो उन्हें जेल जाना पड़ता | लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया

क्या है याचिका में मांग..?
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।

राहुल गांधी की सदस्यता क्यों गई..? 
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है| इसी नियम के तहत राहुल की सदस्यता चली गई।  सूरत की जिस अदालत ने राहुल को सजा सुनाई है, उस अदालत ने राहुल को फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया है। तब तक राहुल की सजा पर रोक है, मतलब वह इस दौरान जेल जाने से बचे रहेंगे।