वैशाख अमावस्या हिंदू नववर्ष की पहली अमावस्या कहलाती है। इसे सुतवाई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सत्तू खाने और सत्तू दान करने का बहुत अधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार या गुरुवार को पड़ने वाली अमावस्या को शुभ माना जाता है। इस साल की अमावस्या गुरुवार के दिन ही है। ऐसे में इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और रुचि कृत पितृ स्तोत्र पढ़े। इससे विष्णु जी की कृपा बरसती है और पितरों के आशीर्वाद से परिवार फलता-फूलता है।
वैशाख मास में गर्मी की भी अधिकता होती है। इस समय सत्तू खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। सत्तू का स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़े बेशकीमती फायदे भी हैं।
सत्तू खाने के फायदे
गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन करना आपको गर्मी के दुष्प्रभाव एवं लू की चपेट से बचाता है। सत्तू का प्रयोग करने से लू लगने का खतरा कम होता है क्योंकि यह शरीर में ठंडक पैदा करता है। जौ और चने से बनाया गया सत्तू डाइबिटीज में फायदेमंद है। अगर आप डाइबिटीज के मरीज हैं तो रोजाना इस सत्तू का प्रयोग आपके लिए फायदेमंद है। इसे पानी में घोलकर शर्बत के रूप में या फिर नमकीन बनाकर भी लिया जा सकता है।
ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक होता है। इसके लिए सत्तू में नींबू, नमक, जीरा और पानी मिलाकर सेवन करना चाहिए। रोजाना सत्तू का सेवन करने से आपकी त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है, यह आपको हाइड्रेटेड रखता है। आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है और इसमें मौजूद आयरन आपकी त्वचा को चमकदार बना सकता है। यह आपके रोम छिद्रों को भी मजबूत करता है और उन्हें आवश्यक पोषण प्रदान करता है।