अनिल उपाध्याय
खातेगांव
स्टेट ऑफिसर रेज ऑफिसर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के बैनर तले अपनी लंबित मांगों के निराकरण के लिए मंगलवार को वन व्रत उज्जैन रेंजर एशियन द्वारा विधायक आशीष शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांगों के निराकरण की मांग की गई। इस अवसर पर सुश्री विधि सिरोलिया,वन परिक्षेत्र अधिकारी सतवास, सुश्री वंदना ठाकुर वन परिक्षेत्र अधिकारी खातेगांव, सुश्री ऋतु चौधरी,वन परिक्षेत्र अधिकारी कांटाफोड़ सुश्री आर्ची हरित,वन परिक्षेत्र अधिकारी कन्नौद विशेष रूप से मौजूद रहे।
ज्ञापन में बताया गया कि दीर्घकालिक लंबित मांगों पर शासन द्वारा आज दिनांक तक किसी प्रकार का कोई निराकरण नहीं किया गया है। इन मांगों के सम्बन्ध में आज से 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार जी द्वारा मांगें पूर्ण कराने का लिखित आश्वासन दिया गया था, परन्तु आज 5 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात भी शासन द्वारा कोई कार्यवाही इस सम्बन्ध में नहीं की गयी है, जो रेंजर कैडर को पूर्ण रूप से हतोत्साहित करते हुए
आन्दोलन के लिए विवश करती है। रेंजर कैडर एक बार पुन: शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए
लंबित मांगों के निराकरण हेतु निवेदन करता है कि रेंज ऑफिसर का प्रशिक्षण काल सेवा काल में जोड़ा जाये। जैसे कि म.प्र. लोक सेवा आयोग से एक ही परीक्षा से चयनित सहायक वन संरक्षक संवर्ग को प्रथम नियुक्ति दिनांक से शासकीय सेवा में माना जाता है एवं भारत के अन्य राज्यों के रेंज ऑफिसर्स जो मध्यप्रदेश के रेंज ऑफिसर्स के साथ प्रशिक्षण लेते हैं, उन्हें भी प्रशिक्षण के प्रथम नियुक्ति दिनांक से शासकीय सेवा काल में सम्मिलित किया गया है। परन्तु मध्यप्रदेश के रेंजर संवर्ग को प्रशिक्षण काल के 1.5 वर्ष के उपरान्त शासकीय सेवा काल में सम्मिलित किया जाता है। जिसके लिए शीघ्र ही उक्त व्यवस्था को रेंजर संवर्ग के लिए संसोधित किया जाना
अपेक्षित है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से चयनित रेंज ऑफिसर, द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी का सेवा में चयन 3600 ग्रेड पे पर किया जाता है, जबकि इसी प्रकार म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लोक अभियोजन अधिकारी का चयन सीधा 4200 ग्रेड पे पर किया जाता है। साथ ही रेंज ऑफिसर्स के वेतनमान के सम्बन्ध में भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्र क्र. F.No.11011/1/2006/Dir(IFS)
के अनुक्रम में एक रूपता को वेतन मान के सम्बन्ध में अनुसंशा की गई है। (पत्र संलग्न है।) वावजूद इसके अन्य राज्यों के रेन्ज ऑफीसर्स की तुलना में मध्यप्रदेश के रेंज ऑफीसर्स को कम वेतन दिया जा रहा है।
इसी प्रकार रेंज ऑफिसर्स का प्रारम्भिक वेतनमान सातवे वेतनमान के मेट्रिक्स 10 में लाते हुए रेंज
ऑफिसर्स को वेतनमान 42700 किया जावे। साथ ही समस्त मैदानी वन अमले (वनरक्षक से लेकर रेंजर
तक) के वेतनमान को भी निम्नानुसार बढ़ाया जावे। 1.02 की मांग अनुसार रेंज ऑफिसर्स को 4200 ग्रेड पे पर भर्ती कर प्रथम समयमान वेतन 8 वर्ष उपरान्त 5400 (छटवे वेतनमान अनुसार) के पदक्रम में बढाया जावे। रेंज ऑफिसर्स के सेवा शर्तों में उपरोक्त संशोधन के साथ राजपत्र में प्रकाशित किया जाए ताकि उसके अनुसार संवर्ग को लाभ मिल सके।
रेंज ऑफिसर्स एवं समस्त मैदानी वन म अमले को वन एवं वन्य प्राणी सुरक्षा के समय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 45 के तहत सशस्त्र बल घोषित किया जावे। आवश्यकता अनुसार शस्त्र चलाने की अनुमति देते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत पर्याप्त संरक्षण प्रदान किया जावे।. रेंज ऑफिसर्स, द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी से राशि रूपये 40000/- की प्रतिभूति राशि जमा कराई जाती है जो तृतीय श्रेणी के लिए लागू है। जबकि वर्तमान में रेंज ऑफिसर को संवितरण का अधिकार भी नहीं है। अतः इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जावे।प्रशिक्षण काल की वेतन वृद्धि का लाभ तुरंत प्रदान किया जावे। एवं म०प्र० के विभिन्न वनमंडलों में
व्याप्त विषमताओं को दूर करने हेतु वित्त विभाग द्वारा अनुमोदन कराते हुए इसको तुरंत राजपत्र में प्रकाशित किया जावे।. रेंज ऑफिसर्स को पदोन्नति के स्थान पर अगर सहायक वन संरक्षक का कार्यवाहक प्रभार दिया जाता है तो समस्त वेतन एवं भत्ते उच्चतर पद के अनुरूप हो, साथ ही वैधानिक रूप से पदानुसार सहायक वनसंरक्षक को प्राप्त समस्त प्रकार की कार्यवाही के अधिकार प्रदान किये जावे।