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BIG NEWS : जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में CBI ने सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की

जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में CBI ने जबरदस्त एक्शन लेते हुए सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। CBI द्वारा यह कदम हाई कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। हाई कोर्ट ने  2 बहनों की रिट याचिका के बाद मामले के जांच का आदेश दिया था जिन्होंने दावा किया था कि उनके पतियों को जबरदस्ती हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म कबूल करवा दिया था

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 प.बंगाल | पश्चिम बंगाल में बडेे़ स्तर पर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है,इसके लिए समुदाय विशेष द्वारा तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहेे है। ऐेसी कुछ कहानी दो भाईयांे की जिनकेे साथ धर्म  परिवर्तन कराने एवं उसके बाद परिवार से दूर करानेे तमाम तरह सेे उन्हेें प्रताड़ित किया गया। उनकी पत्नियोें नेे कोेर्ट का सहारा लिया औेर फिर कुछ लोगो पर पुुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गईं । कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेशों के तहत सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन यानी ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के करने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ दर्ज की है।

कोर्ट के आदेश पर पुुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज

बता दें कि हाई कोर्ट ने दो बहनों द्वारा दायर की गई रिट याचिका के बाद संपूर्ण जांच का आदेश दिया, जिसमें दावा किया गया था कि दोनों बहनों के पतियों जिनका नाम बुद्ध मंडल और गौरंगा मंडल है उनको एक विशेष राजनीतिक दल के लिए काम करने की सजा के रूप में जबरन हिंदू धर्म से इस्लाम में कन्वर्ट करा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद इसकी गहन जांच की गई और इसी जांच के आधार पर 7 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI ने 20 फरवरी को शुरूआती जांच दर्ज की। जिसके बाद मई में अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी गई, फिर उसने 6 जून को FIR दर्ज करने का आदेश दिए। जिसके बाद आदेश को मानते हुए, एजेंसी ने मालदा के सभी निवासी जिनका नाम खुर्शीद सेख, नाजू सेख, बरकट्टी सेख, हबीब सेख, रबीउल सेख, मुक्तदुल सेख और टीनू सेख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। बता दें कि पारबती मंडल के पति बुद्ध मंडल अनपढ़ थे और गौरांग मंडल ने कक्षा 5 तक पढ़ाई की थी।

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रिपोर्ट में मिली अहम जानकारी

CBI ने रिपोर्ट में कहा कि जांच से पता चला कि 24 नवंबर 2021 को लगभग 7 बजे, दोनों भाई रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर गए। गौरांग मंडल रबीउल  उनके भाई बुद्धू मंडल हबीब नामक आदमी के घर पर गए थे। उस समय , गौरांग मंडल मुक्तादुल एसके, प्रधान राजमिस्त्री के अधीन काम कर रहे थे। वे लगभग दो बजे दोपहर के भोजन के लिए घर वापस आए और दोपहर का भोजन करने के बाद काम पर लौट आए। लेकिन शाम को घर को घर नहीं लौटे।

काफी इंतजार करने के बाद भी जब दोनों घर नहीं लौटा तो दोनों बहनों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया कि उनके पतियों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है और उन्हें नमाज पढ़ने के लिए ले जाया गया है। इसमें कहा गया है कि भाई बाद में एक मुस्लिम घर में पाए गए और पुलिस ने उनकी पत्नियों को सूचित किया कि उन्हें उनके लापता होने के चार दिन बाद यानी 28 नवंबर, 2021 को कोर्ट में पेश किया जाएगा।पूरे दिन दोनों महिला इंतजार करती रहीं, लेकिन उनके पतियों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, जिसके बाद वे घर लौट गईं।

उनकी वापसी के बाद, भाइयों को मुस्लिम समुदाय की भारी उपस्थिति के बीच शाम को SDO कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया, रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी पत्नियां गांव पहुंचीं और उन्हें घर आने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन दोनों भाइयों के साथ आए इस्लाम धर्म के लोगों ने उन्हे खूब धमकाया।

गलत काम करने के लिए मजबूर किया

रिपोर्ट में कहा गया है कि कलाबती मंडल को  उनके पति को कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के सदस्य अपने साथ ले गए थे। भाइयों ने अपने परिवार के सदस्यों को फोन पर गुप्त रूप से बताया था कि उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ यहां रखा जा रहा है और गलत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जैसे जानवरों को काटना और उन्हें कैद में रखने के लिए दवाएं देना। अधिकारियों ने कहा कि इन रिजल्ट के आधार पर अदालत ने FIR का आदेश दिया।