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पितृपक्ष 2023 : पितरों के तर्पण और सेवा का पर्व पितृपक्ष पक्ष शुक्रवार से प्रारंभ

भाद्रपद पूर्णिमा के साथ ही पितरों के तर्पण और सेवा का पर्व पितृपक्ष पक्ष शुक्रवार से प्रारंभ हो जाएगा। स्वजन नर्मदा तटों व जलाशयों के किनारे पहुंचकर पितरों को आमंत्रित करेंगे। तिल, जवा, पुष्प नर्मदा में प्रवाहित कर पितरों को नर्मदा जल कलशों में विराजमान होकर घर चलने का आह्वान करेंगे। पितृ स्थापना के साथ ही आज पूर्णिमा तिथि पर दिवंगत पूर्वजों का भी तर्पण किया जाएगा। आगामी 15 दिनों तक घर घर मे पितरों की सेवा की जाएगी –

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 हरदा : अपने पूर्वजो को श्रद्धा सुमन अर्पण करने का पर्व पितृपर्व 30 सितंबर शनिवार से प्रारंभ हो रहा हैं। पितृलोक से अपने पितरो के लिए उनके वंशज 16 दिन तक दान पुण्य पूजा पाठ आदि करते ताकि उनके पूर्वज प्रसन्न हो और उन्हे सुख शांति का आर्शीवाद प्रदान करे। वहीं परिवार द्वारा अपने पूर्वजो के लिए नियमित पितृयज्ञ किया जाता है। जिससे उनके पितरो को शक्ति मिलती है। अगर किसी कारणवश कोई पितृ भटक रहे है तो उन्हे मुक्ति मिलती है। पितृ लोक आकर पित् अपने वंशजो के घरों के आस पास ही विचरण करते है।

मां नर्मदा के किनारे सैंकड़ो लोग करते तर्पण –

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पितृ पक्ष के दौरान हंडिया और नेमावर में रिद्धनाथ और सिद्धनाथ घाट पर मां नर्मदा के किनारे अपने पितरो का तर्पण करने सैंकड़ो की संख्या में लोग सुबह से ही पहुंचते है। सुर्य के प्रथम किरण के साथ ही यहां पर विधिवत पितृ तर्पण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है।

हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार यदि किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण न किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और उसकी आत्मा इस इस संसार में भटकती रहती है। वहीं पितरों का विधिवत पूजन-वंदन करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे स्वजनों को इच्छापूर्ति का आशीर्वाद देकर जाते हैं।

30 सितंबर को प्रतिपदा और द्वितीया श्राद्ध एक ही दिन –

शुक्रवार को पूर्णिमा के साथ ही पितृपक्ष का आरम्भ हो जाएगा। शुक्रवार के दिन पूर्णिमा को दिवंगत पुरखों का तर्पण किया जाएगा। जिस भी व्यक्ति की मृत्यु पूर्णिमा तिथि (शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष) के दिन होती है, उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को आरम्भ पूर्णिमा तिथि शुक्रवार की दोपहर तीन बजकर 20 मिनिट तक रहेगी। इस दिन पितृ आवाहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार प्रतिपदा और द्वितीया श्राद्ध एक ही दिन 30 सितंबर को होगा।