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चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने बनाई रणनीति, अंडमान में खोलेगा तीसरा नेवी बेस

चीन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है। जमीन के बाद अब वह आसमान में भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है। चीन की बढ़ती ताकत भारत के लिए भी खतरे की घंटी है। अब भारत चीन के जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए हिंद महासागर में तीसरा नेवी बेस खोलने जा रहा है।

यह नेवी बेस अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से करीब 300 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित एक रणनीतिक अहमियत रखने वाले द्वीप पर खोला जाएगा। सैन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों ने बताया कि इससे नजदीकी मलक्का जलडमरूमध्य से होकर हिंद महासागर में प्रवेश करने वाली चीनी पनडुब्बियों और जहाजों की निगरानी की जा सकेगी।

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नेवी ने एक अफसर ने बताया कि नए बेस आईएनएस कोहासा को नौसेना प्रमुख ऐडमिरल सुनील लांबा नेवी को समर्पित करेंगे। यह पोर्ट ब्लेयर से करीब 300 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेवी का तीसरा बेस है। इस पर 1,000 मीटर लंबा रनवे है जिसका इस्तेमाल हेलिकॉप्टरों और डोर्नियर सर्विलांस एयरक्राफ्टों के लिए होगा। नेवी के प्रवक्ता कैप्टन डी. के. शर्मा ने बताया कि रनवे को बढ़ाकर 3,000 मीटर करने की योजना है ताकि यह युद्धक विमानों के लिए भी इस्तेमाल हो सके।

बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर कब्जे को लेकर अमेरिका और चीन कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। इस पर दोनों ही एक दूसरे को अल्‍टीमेटम भी दे चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसपर कई देशों ने अपना हक जताया है। हर साल करीब 1 लाख 20 हजार जहाज हिंद महासागर से होकर गुजरते हैं और उनमें से करीब 70,000 मलक्का जलडमरूमध्य से होकर जाते हैं।