ब्रेकिंग
हरदा: स्टेशन सौन्दर्यीकरण व यात्री सुविधा विस्तार के लिये हटाया गया अतिक्रमण चाकूबाजी में घायल युवक की इलाज के दौरान हुई मौत, परिजनो ने कलेक्ट्रेड कार्यालय के बाहर शव रखकर किया ... हरदा: मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने जिले के प्रशासनिक अमले की बैठक ली नपा के द्वारा बुलडोजर की कार्यवाही गरीबों के साथ अन्याय है। हरदा विधायक डाॅ. दोगने ने की जिला प्रशा... डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्य तिथि पर किया माल्यार्पण एवं पौधारोपण  मप्र मे मानसून का आगाज: टीकमगढ़ मे हुई भारी बारिश!  बारिश नदी नाले उफान पर निचले स्थानों पर भराया प... तांत्रिक क्रिया से मां को स्वस्थ करने और पिता भाई को मारने की धमकी देकर फिर मांगे 40 लाख! पुलिस ने 3... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे हरदा: रिलाएबल सोसायटी ने आयोजित किया यूथ मीट :यूथ वॉइस के माध्यम से युवा स्वास्थ्य, नशाखोरी तथा भ्रष... घोर कलयुग हैवान दरिंदे भतीजे ने 80 साल की वृद्धा ( बड़ी मां) के साथ किया दुष्कर्म, पुलिस ने दस घंटे ...

वृक्ष पृथ्वी मां का श्रृंगार है जिस प्रकार बिना जल के जीवन नही हो सकता उसी प्रकार बिना वृक्ष लगाए लोक ऋण से मुक्ति नही मिल सकती : प्रेममूर्ति पंडित श्री अभिषेकानंद जी महाराज

हरदा: सुप्रसिद्ध कथावाचक प्रेममूर्ति पंडित श्री अभिषेकानंद जी महाराज का अल्प प्रवास पर हरदा आगमन हुआ महाराज जी हरदा जेल परिसर पहुंचे । जहां पर नवनिर्मित शिव मंदिर में दर्शन पूजन किया जेलर प्रभात कुमार झा ने महाराज जी का स्वागत किया अपने जन्मदिवस के अवसर पर महाराज श्री ने जेल अधीक्षक श्री प्रभात कुमार झा उप जेल अधीक्षक श्री योगेश शर्मा महेंद्र यादव के साथ शमी का पौधा लगाया वृक्ष का महत्व बताते हुए पूज्य महाराज श्री ने बताया की वृक्ष लगाना जीवन में कितना जरूरी है ।

जितना स्वास लेना जरूरी है उतना ही वृक्ष लगाना जरूरी है कोरोना के समय जब व्यक्ति को ऑक्सीजन नही मिल रही थी उस ऑक्सीजन के कारण कई लोग काल के गाल में समा गए जीवन में मनुष्य के ऊपर अनेक ऋण होते है जैसे मात्र ऋण पितृ ऋण देव ऋण एवं लोक ऋण लोक ऋण से तात्पर्य यह है की हमारे जीवन से प्राण रूपी रामतत्व जब निकलकर चला जाता है जब व्यक्ति शमशान की अन्तिम यात्रा करता है।

- Install Android App -

और बहा पर जब उसे अग्नि संस्कार किया जाता है ।

तो लकड़ियों की आवश्यकता होती है जो की लगभग 2 से ढाई क्विंटल होती है उसके लिए कितने पेड़ो की आहुति हो जाती है ।

इसलिए महाराज श्री ने यह विचार व्यक्त करते हुए बताया कि वृक्ष पृथ्वी मां का श्रृंगार है जिस प्रकार बिना जल के जीवन नही हो सकता उसी प्रकार बिना वृक्ष लगाए लोक ऋण से मुक्ति नही मिल सकती इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन काल में पेड़ लगाना चाहिए घर में परिवार में मित्रो में किसी का भी जन्मदिन हो शादी की सालगिरह हो पेड़ जरूर लगाए और मां पृथ्वी का श्रंगार जरूर करे।