ब्रेकिंग
हरदा:  05 वर्षों से फरार स्थाई वारंटी की गिरफ्तारी MP Free Laptop Yojana 2025: 12वीं में 75% लाने वालों की बल्ले-बल्ले, सीधे खाते में आएंगे ₹25,000! Aaj ka rashifal: आज दिनांक 24 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हरदा: किसानों की मुंग उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए किसान कांग्रेस का धरना प्रदर्शन 24 मई को प्रदेश मंत्री विजय शाह ने तीसरी बार वीडियो जारी कर मांगी माफी: बोले यह मेरी भाषायी भूल थी मेरा उद्दे... हरदा: स्वच्छता अभियान चलाकर लोकमाता की जयंती पर किया कार्यक्रम प्रशासन की लापरवाही से खामियों से भरा रहा मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जन आक्रोश गरमाया: ग्रामीण किसानों... भाजपा नेता  धाकड़ का सड़क पर सैक्स वाले वायरल वीडियो पर होगी कार्यवाही! पुलिस जांच हुई शुरू हरदा: सचिन सेन केशशिल्पी मंडल हरदा के अध्यक्ष बने !  आज मप्र का मौसम मिला जुला कहीं बारिश तो गर्मी उमस: प्रदेश के अधिकांश जिलों में दोपहर तक छाए रहेंगे ब...

सीपीएम महासच‍िव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन,  परिजन ने शव को एम्‍स में दान क‍िया

मकडा़ई एक्सप्रेस 24 दिल्ली । सीपीएम के महासच‍िव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर एम्‍स में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार दोपहर करीब एक बजे उन्‍होंने अंत‍िम सांस ली।

आंध्र प्रदेश में पैदा हुए सीताराम येचुरी लंबे वक्‍त तक सीपीएम महासच‍िव रहे। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्‍हें 19 अगस्‍त को एम्‍स में भर्ती कराया गया था. एम्स अस्पताल में दोपहर 1.03 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।उनका पार्थिव शरीर फिलहाल एम्स में है।कामरेड येचुरी ने अपने पार्थिव शरीर को डोनेट करने की मंशा पहले ही साफ कर दी थी। इसल‍िए सीताराम येचुरी के परिवार ने उनका शव एम्‍स को दान कर दिया है।येचुरी के शव पर मेडिकल छात्र रिसर्च कर सकेंगे ।

- Install Android App -

सीताराम येचुरी को वामपंथी राजनीत‍ि का बड़ा चेहरा माना जाता रहा।जेएनयू छात्रसंघ के अध्‍यक्ष रहे सीताराम येचुरी आंध्र प्रदेश के मूल न‍िवासी थे।1975 में इमरजेंसी के दौरान वे जेल भी गए. वे साल 2015 से सीपीएम के महासच‍िव रहे।येचुरी की स्‍कूली पढ़ाई हैदराबाद में हुई थी।

सीताराम येचुरी ने सीपीएम नेता हरकिशन सिंह सुरजीत की लीडरश‍िप में काम सीखा। ज‍िन्‍होंने गठबंधन युग की सरकारों में प्रमुख भूमिका निभाई. पहले वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के दौरान और फिर 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान, दोनों ही सरकारों को सीपीआई (एम) ने बाहर से समर्थन दिया था।येचुरी की स्‍वीकार्यता ही थी क‍ि पहली बार वामपंथी दलों ने कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली यूपीए सररकार का समर्थन क‍िया. नीत‍ियां बनाने में कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली सरकार पर अक्‍सर दबाव डाला.

यहां तक क‍ि भारत-अमेरिका परमाणु डील के मुद्दे पर भी जब बात अटकने लगी थी, तब येचुरी ने मोर्चा संभाला था।