किशोरियों के हित में नये निर्णय लिये जाने की आवश्यक्ता
नर्मदा पुरम: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित शक्ति अभिनंदन अभियान में राष्ट्रपति तथा राज्यपाल सम्मान से सम्मानित सारिका घारू ने किशोरियों की उन समस्याओं को रखा जिसके बारे में आमलोग बात नहीं करना चाहते हैं । सारिका ने कहा कि किशोरियों के मासिक धर्म के दौरान आने वाली समस्याओं के लिये सिर्फ सेनेटरी पैड के लिये मशीन लगाने की कुछ बड़े स्कूलों में यदाकदा बातचीत तो होती रहती है ।
लेकिन उनके शारीरिक एवं मानसिक कष्ट की हमेशा ही अवहेलना की जाती है । वर्तमान में सीएम राईज तथा कुछ बड़े स्कूलों में बच्चों को शत प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर बच्चों को सम्मानित किया जा रहा है पर उनमें किसी किशोरी की उपस्थति कुछ कम होने का कारण कहीं उसकी ये समस्या तो नहीं है इसका कोई अनुमान नहीं लगाता है ।
सारिका ने बताया कि मासिक धर्म का आरंभ आमतौर पर मिडिल स्कूल से लेकर हाईस्कूल स्तर पर होता है । इसके लिये किशोरियों को मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत करने में स्कूल की भूमिका कम ही देखी जाती है । कई बार ये किशोरियां इन समस्याओं से पीडि़त होकर उन दिनों स्कूल नहीं आती हैं। महिला कर्मचारियों को तो साल में 7 दिन का अतिरिक्त अवकाश आरंभ कर दिया गया है।
लेकिन स्कूल में किशोरियों के न आने पर अनुपस्थित माना जाता है ऐसे में वे शत प्रतिशत उपस्थिति के अवार्ड से वे वंचित होकर मानसिक रूप से हतोत्साहित होती हैं । इसलिये किशोरियों की समस्याओं पर व्यापक अनुसंधान कर उनके हित में निर्णय लिये जाने चाहिये । सारिका ने इस अवसर पर जागोरी किशोरी गीत को जारी किया।
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