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मनुष्य कभी भी जीव जंतु या पशु पक्षी या जानवर की योनी प्राप्त नहीं करता: आदरणीय नीलम दीदी जी

हरदा।  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हरदा द्वारा आयोजित द्वादश ज्योर्तिलिंगम मेला तथा शिव महापुराण के पांचवें दिन आदरणीय राजयोगीनी ब्रह्माकुमारी तपस्विनी कथा वाचक नीलम दीदी जी ने बताया यह कथा ही वास्तव में आत्मा की व्यथा है क्योंकि वह सत्य से अनभिज्ञ हो चुका है कभी भी कोई भी मनुष्य आत्मा कोई भी जीव जंतु या जानवर या पशु पक्षी की योनि प्राप्त नहीं करता जिस प्रकार एक आम का बीज से आम का ही फल मिलता है उसी प्रकार हम मनुष्य आत्मा रूपी बीज जिसमें मनुष्य के संस्कार भरे हैं।

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वह हर जन्म में मनुष्य योनि में ही पुण्य और पाप का फल भोगता है हम मनुष्य आत्माएं जब पहली बार इस धरती पर आती हैं संपूर्ण सतों प्रधान तथा 16 कला संपूर्ण होती है परमात्मा द्वारा बनाए गए ऐसी सुंदर धरती पर हम अपना अपना पार्ट बजाते हैं जिसे स्वर्ण युग कहा जाता है पार्ट बजाते बजाते फिर हम 14 कला मे पहुंचने के कारण त्रेता युग में प्रवेश करते हैं उसके बाद द्वापर तथा अब हम कलयुग से भी आगे निकल चुके हैं कलयुग अभी बच्चा नहीं है बल्कि कलयुग थोड़ा ही बचा है हम घोर कलयुग में प्रवेश कर चुके हैं क्योंकि कलयुग के सभी संकेत अब अपने चरम सीमा पर है दीदी जी ने बताया अभी हम किस संकेत का इंतजार कर रहे हैं सीढ़ी के माध्यम से हम मनुष्य आत्माओं की 84 जन्मो की कहानी तथा भारत के उत्थान और पतन की कहानी समझाई तथा दीदी ने बताया कि नर्क और स्वर्ग दोनों का ही वर्णन हर धर्म मे अलग-अलग नाम से है परमात्मा इस धरती पर आये थे ।

इसलिए हर धर्म में इसका यादगार जरूर है आज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ श्री प्रभु शंकर शुक्ल जी, डॉ राम दोगने, श्रीमती उषा गोयल,श्रीमती अदिति गुरु सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष, श्रीमती पुष्पा शर्मा के अध्यक्ष, श्रीमती नीलम पटेल हरदा,उपस्थित रहे हरदा जिले की सभी सेवा केंद्र तथा उप सेवा केंद्र की सभी बहने, किरण बहन,भव्यता बहन,उषा बहन,भारती बहन, संगीता बहन , गायत्री बहन ,विनिमय बहन,ने मिलकर की शिव भगवान की 108 दीपकों से महाआरती की।