ब्रेकिंग
मकड़ाई एक्सप्रेस की खबर का असर: खबर के बाद प्रशासन ने नोटिस जारी किए 4 कालोनाइजरों को नोटिस जारी किस... हरदा: खेत मालिक ने शराब के नशे में रखवाले मजदूर को स्कॉर्पियो वाहन से कुचलकर उतार दिया मौत के घाट, प... हरदा:  05 वर्षों से फरार स्थाई वारंटी की गिरफ्तारी MP Free Laptop Yojana 2025: 12वीं में 75% लाने वालों की बल्ले-बल्ले, सीधे खाते में आएंगे ₹25,000! Aaj ka rashifal: आज दिनांक 24 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हरदा: किसानों की मुंग उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए किसान कांग्रेस का धरना प्रदर्शन 24 मई को प्रदेश मंत्री विजय शाह ने तीसरी बार वीडियो जारी कर मांगी माफी: बोले यह मेरी भाषायी भूल थी मेरा उद्दे... हरदा: स्वच्छता अभियान चलाकर लोकमाता की जयंती पर किया कार्यक्रम प्रशासन की लापरवाही से खामियों से भरा रहा मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जन आक्रोश गरमाया: ग्रामीण किसानों... भाजपा नेता  धाकड़ का सड़क पर सैक्स वाले वायरल वीडियो पर होगी कार्यवाही! पुलिस जांच हुई शुरू

बातें हरदे की … दाजी -बदामी संग

 ◆ बदामी – दाजी राम राम। दाजी- अरे आ बदामी। गंज दिन बाद आयो।पंगत रपेट रयो ह आजकल तो तू।

 

◆बदामी – हव दाजी। 

बदामी – दाजी एक संका समाधान करो !

दाजी – हव बता ! 

◆बदामी – दाजी, ये बड़े नामी गिरामी डाग्दर होन आगे रेके अपना ठिया छोड़  के छोटी जगह पर मलीजों को जबरन दरसन देने के लिए क्यों भेंकर पटकई रया। इनको बुलवाने वाले भी बिना अपने फायदे के तो ये जनसेवा करने से रय। गुप्त/सुप्त/मुफ्त मालूम नामालूम सब रोग के डॉ यां आने को महानगर तक छोड़ रया । काई ह काई यां असो। भगवान जाने! उनको वहां कने क्या तकलीफ है। अब जिसको तकलीफ है वो तो खुद दिल्ली मुम्बई चलके जा रया ह । 

अब स्थानीय ओटला होन ख देखी लेव । पवन छोटी बड़ी आय। पर ओटले पर ही आय ह। पीड़ित अदमी दान मान लेकर बैठक में वार के हिसाब से दूर दूर से आय । फायदो लेकर जाय। आज तक किसी बाबा ने अपना ओटला छोड़ और कईं बैठक की हो असो तो कईं नि सुन्यो।  

फेर ये दादा होन ठिया छोड़ कसा गठिया का इलाज करी रया। संपट नि पड़ती। 

- Install Android App -

दाजी – बात तो सई है बदामी।

लगता है रजाल्या,  इनको ओटले से उठवा के निजु कोपचे (स्टोर) में बिठवा के मरीजों को घर पहुँच सुविधा का लालुच देय रया। मलीज को डॉ मिले, डॉ को फीस मिले, स्टोर की दवाई बिके। सबका पेट लगेल है। 

◆बदामी – दाजी, ए म दोई की दोई अपनी वेवस्था जमाना के फेर में लगे दिखे। 

दाजी- हव, होय ह,  कोई कोई मलीज ख को देख डाग्दर ओख अगली बार मे अपना ओटला प आने की के ही देय ह। यहीं दो तीन हफ्ते की दवाई ले लुआ के मलीज भी हलको हो जाय। 

◆बदामी – दाजी, बाहर से डाग्दर होन आय जाय तो इनको भी तो होटल खाईं रजिस्टर में लिखा पढ़ी होती होयगी। बिना हस्पताल बड़ा अधिकारी के अनुमती के ये जांच थोड़ी कर सके। कोई केना सुननो वालो नि।

दाजी – देख बेटा, अब सबका हाथ होय, मुट्ठी होय, हाथ मे धन रेखा होय, तकदीर होय । हस्पताल वाला ख की शिकायत मुट्ठी दान लेकर कोई जन गन सुनवाई में बड़ी पवन कने नि जाय। जबलग तो स्टोर-धाम बैठक असी ही भरायेगी।  जिसकी झाँ लिखेल है, वो तो व्हां पोंच ही जाय रे बदामी। तू जादा टेंसन मत ले , जान दे, नि तो अगली काव तू भी दान दे।