महू। मध्य प्रदेश के 28 जिलों के बाद चावल घोटाले के तार इंदौर से जुड़ गए हैं। शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा महू में लगभग 50 करोड़ रुपए के अनाज घोटाले का पर्दाफ़ाश किया गया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया व्यापारियों के ठिकाने से चावल की 900 बोरियां मिली हैं। कुछ पर सरकारी सील लगी हुई है। इस अनाज घोटाले के तार बालाघाट, मंडला और नीमच से भी जुड़े पाए गए हैं। प्राथमिक जांच में व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल और उसके सहयोगियों के नाम आए हैं। इसमें नागरिक आपूर्ति निगम के एक कर्मचारी की संलिप्तता भी पाई गई है। पांच पर एफआइआर दर्ज की गई है। विस्तृत जांच की जा रही है।
चावल घोटाले को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने किया खुलासा। कांग्रेस के नेता और पूर्व पार्षद मोहन लाल अग्रवाल और उनके बेटे मोहित अग्रवाल, तरुण अग्रवाल सहित सहित कुल 5लोगों पर एफआईआर फिलहाल दर्ज की गई है। इनमें से एक खाद्य आपूर्ति निगम का कर्मचारी है। इसके साथ ही मंडी के कुछ और कर्मचारी भी आगे मामले में शामिल हो सकते हैं।
कलेक्टर के मुताबिक फिलहाल यह घोटाला करीब पचास करोड़ का है लेकिन यदि पिछले दस या पंद्रह वर्ष का हिसाब बनाया जाए तो यह सौ करोड़ रु तक भी हो सकता है। अग्रवाल खाद्य आपूर्ति निगम का परिवहनकर्ता है और उनके पुत्र मोहित अग्रवाल के पास हर्षित ट्रेडर्स नाम की एक फर्म है। परिवहन कर्ता की हैसियत से मोहन अग्रवाल जहां राशन की दुकानों में अनाज पहुंचाता था वहीं हर बार 8-10 क्विंटल वापस ले लेता था और फिर अपने बेटे मोहित अग्रवाल की फर्म पर फर्जी बिल बनवाकर उसे खपाता था। इसमें उसकी मदद उसके रिश्तेदार जो स्थानीय व्यापारी भी हैं वे भी करते थे। एसडीएम महू ने 16 अगस्त से इस घोटाले की जांच शुरू की थी। मामले में नीमच और मंडला की कुछ फर्मों के बिल भी मिले हैं।