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हंडिया तहसील मुख्यालय पर नहीं है फायर ब्रिगेड, पानी के टैंकरों में भी इंजन गायब

गर्मी के दिनों में होती है आगजनी की घटनाएं

सुमित खंत्री मकड़ाई समाचार हंडिया। गर्मी के दिनों में बढ़ते अग्निकांडो पर समय रहते काबू पाने के लिए तहसील मुख्यालय पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी उपलब्ध कराने की मांग लगातार उठती जा रही है। हैरत की बात यह है कि तहसील मुख्यालय से जिला मुख्यालय की दूरी करीब 20 किमी है। ऐसी स्थिति में क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामों में फायर ब्रिगेड को जिला मुख्यालय से पहुंचने में कॉफी समय लग जाता है। यानी जब तक राहत देने के लिए गाड़ी पहुंचती है। उससे पहले सब कुछ जल चुका होता है। ऐसे में फायर ब्रिगेड के पहुंचने और नहीं पहुंचने का कोई मतलब नहीं रह जाता।

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समाचार पत्र के माध्यम से पूर्व में भी इस संबंध में प्रशासन और नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई है। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इतने बड़े क्षेत्र में फायर ब्रिगेड का नाम होना गंभीर समस्या का विषय है। किसानों का कहना है कि इस ओर नेता और जनप्रतिनिधि कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदि क्षेत्र के किसी गांव में आगजनी की अप्रिय घटना हो जाती है। तो उस आग को बुझाने के लिए तहसील मुख्यालय पर एक भी फायर ब्रिगेड की व्यवस्था नहीं है। और ना ही पंचायत को प्रदान किए गए टैंकरों में भी एंजिन की व्यवस्था नहीं है। इसलिए आगजनी की अप्रिय घटना होने पर हरदा नगर पालिका के भरोसे रहना पड़ता है। वहां से वाहन को घटना स्थल पर पहुंचने तक सब कुछ जलकर राख हो जाता है।

इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में कितना विकास हुआ है। कई बार देखा गया है कि आगजनी से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ जनहानि भी हो जाती है। जनप्रतिनिधि संवेदनशील नज़र नहीं आ रहें हैं। कई बार बड़े-बड़े उत्सव एवं त्योहारों के समय हरदा से फायर ब्रिगेड मंगाना पड़ता है।