ब्रेकिंग
कमिश्नर ने हाई स्कूल भरलाय का निरीक्षण किया, विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर सुधारने के दिए निर्देश लायंस क्लब हरदा सिटी ने दो बेटियों की जमा की फीस ट्रंप के 'डेड इकोनॉमी' बयान पर राहुल गांधी का समर्थन क्या ट्रंप के आरोपों पर चुप रहेंगे प्रधानमंत्री: खड़गे रूस में 16 घंटे में 125 से ज्यादा झटके, फटा ज्वालामुखी रूस ने ट्रंप को दिखाया ठेंगाः यूक्रेन में बरसीं मिसाइलें भारत-रूस रिश्तों पर फिर भड़के डोनाल्ड ट्रंप बारिश से उखडऩे लगी सडक़ें...निर्माण की खुलने लगी पोल सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में छात्र परिषद के चुनाव संपन्न, शर्मा निर्वाचित गुना में बाढ़ के बाद जन आक्रोश : सैकड़ों नागरिकों ने किया चक्काजाम

विवादों में घिरे भोपाल के चिरायु अस्पताल को गृहमंत्री की क्लीनचिट

मकड़ाई समाचार भोपाल। आयुष्मान कार्ड होने पर भी इलाज से मना करने का वीडियों वायरल होने के बाद विवादों में आए चिरायु अस्तपाल को गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने क्लीनचिट दे दी। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि यह एक प्रतिष्ठित अस्पताल है। वायरल वीडियो का खंडन मालिक ने कर दिया है तो क्या बचता है। वहां बड़ी संख्या में लोग पूरे प्रदेश से भर्ती हैं। हमारी प्राथमिकता जो अस्वस्थ हैं, उन्हें स्वस्थ करने की है। उल्लेखनीय है कि अस्पताल के प्रबंधक गौरव बजाज का रविवार को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो आयुष्मान कार्ड होने पर भी इलाज से इंकार रहा था। हालांकि, चिरायु मेडिकल कालेज के चेयरमेन डा. अजय गोयनका ने वीडियो से छेड़छाड़ की बात कहते हुए उसका खंडन किया था।

- Install Android App -

चिरायु मेडिकल कालेज में भर्ती एक महिला की मौत के बाद उनके बेटे योगेश बलवानी ने वीडियो वायरल करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। वीडियो में कहा गया कि अस्पताल के प्रबंधक गौरव बजाज ने आयुष्मान कार्ड होने पर भी उनका मां का इलाज करने से मना कर दिया और सुरक्षाकर्मियों से धक्के देकर बाहर करवा दिया। साथ ही बलवानी ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी मां की मृत्यु होने के बाद अब डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है। इस मामले में आयुष्मान भारत के सीईओ एस विश्वनाथ ने भोपाल कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल योजना में अनुबंधित है और वो इलाज से इंकार नहीं कर सकता है।

कलेक्टर अविनाश लवानिया ने वायरल वीडियो के आधार पर अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। उधर, रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना समीक्षा के दौरान दो-टूक कहा कि बिस्तर खाली होने पर कोई भी अनुबंधित अस्पताल इलाज से इन्कार नहीं कर सकता है। पात्र होने पर यदि किसी मरीज का निशुल्क इलाज करने से मना किया गया तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।