मकड़ाई समाचार खिरकिया। अजाक्स, जयस, गोंडवाना महासभा, कोरकू संघ के सयुक्त तत्वावधान में कोविड्ड 19 का पालन करते हुए आदिवासी वीरांगना रानी दुर्गावती 457 वा बलिदान दिवस मनाया गया। 24 जून 1564 ईसवी को मुगल सेना के सेनापति आसफ खान ने चारों तरफ से सेना को घेर लिया। युद्ध के दौरान एक तीर रानी दुर्गावती के कान के पास लगा और दूसरा तीर उनकी गर्दन में लगा। तीर लगने से रानी कुछ समय के लिये अचेत हो गई। जब पुनः रानी को होश आया तब तक मुग़ल सेना हावी हो चुकी थी। रानी के सेनापतियों ने उन्हें युद्ध का मैदान छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी परन्तु रानी ने इस सलाह को दरकिनार कर दिया। अपने आप को चारो तरफ से घिरता देख रानी ने अपने शरीर को शत्रू के हाँथ ना लगने देने की सौगंध खाते हुए अपने मान-सम्मान की रक्षा हेतु अपनी तलवार निकाली और स्वयं तलवार घोपकर अपना बलिदान दे दिया। और इसतिहास में वीरंगना रानी सदा – सदा के लिये अमर हो गई। उपस्थित युवाओ द्वारा रानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर अजाक्स ब्लॉक अध्यक्ष डी डी सिंगोरे, जय आदिवासी अधिकारी कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय महासचिव टी आर(ध्रुव)चौहान, जयस ब्लॉक अध्यक्ष नेमीचंद कासडे गोण्ड महासभा किशन उइके, जयस उपाध्यक्ष सुमेरसिंह उइके,उप कोषाध्यक्ष मनीष चौहान, कोरकू संघ व जयस प्रवक्ता धर्मेंद्र ठाकुर, अजाक्स सचिव नितेश वर्मा शैलेश वरकड़े, सन्तोष धारवे मीडिया प्रभारी, एस आर मोहे, लवकेश खण्डेल, मनोहर मंडराई चारुवा, आर के उइके,एम एल शाक्य, चंद्रप्रकाश उइके, मधुसूदन, संदीप, प्रदीप, टिंकू, वैदिक चौहान आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व आभार व्यक्त राजेश पाचोले सचिव पिपलानी द्वारा किया गया।
ब्रेकिंग