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किसानों ने देखा ड्रोन की मदद से कैसे होता है फसल पर दवा का छिड़काव

डैनी उतपुरे मकड़ाई समाचार बैतूल :- किसानों को फसलों में दवा, खाद का छिड़काव करने में समय के साथ साथ खर्च भी अधिक आता है। इसे दूर करने के लिए अब ड्रोन के सहारे फसल पर छिड़काव करने की तकनीक इजाद की गई है। शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र बैतूलबाजार में निजी कंपनी के द्वारा ड्रोन से फसल में कैसे छिड़काव किया जाता है इसकी जानकारी किसानों को दी गई। ड्रोन मशीन का प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र में दक्षिण भारत की निजी कंपनी की ओर से सोयाबीन की फसल पर छिड़काव के माध्यम से किया गया।

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इस दौरान उपस्थित किसानों को कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि ड्रोन बैटरी चलित एवं जीपीएस पर आधारित है। इसमें 10 से 12 लीटर क्षमता का टैंक दिया हुआ है। एक एकड़ रकबे में लगी फसल में दवा का छिड़काव करने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इसकी कीमत सात से आठ लाख रुपये के बीच है। ड्रोन में एक बैटरी लगी हुई है जो 15 मिनट तक इसे हवा में उड़ाने में मदद करती है। इसके बाद दूसरी बैटरी लगाकर इसका उपयोग किया जा सकता है। ड्रोन के द्वारा खाद्यान्ना, सब्जी की फसलों के साथ फलदार पौधों पर पौध संरक्षण दवाओं व घुलनशील उर्वरकों का प्रयोग बेहद आसानी के साथ कम समय में किया जा सकता है। किसान दीपक वर्मा, मधु पवार का कहना है कि शासन स्तर से इस तरह की तकनीक को कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किराए पर उपलब्ध कराना चाहिए। आम किसान इतनी अधिक कीमत का ड्रोन खरीद ही नहीं पाएंगे।