मप्र ब्यूरो की रिपोर्ट
मकड़ाई समाचार भोपाल हरदा। अब इसे टीकाकरण अभियान की उपलब्धि कहें या त्रुटियां , मृतकों को सेकंड डोज़ लगने की खबरें सामने आ रही हैं। टीकाकरण का उच्चतम लक्ष्य हासिल करने के रिकार्ड पर अब मृतक ही प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
अब इसके पीछे कारण एक मोबाइल नम्बर पर एक से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन होना हो या टीकाकरण टीम द्वारा दूरभाष पर मिली जानकारी की पुष्टि न कर पाना। प्रमाण पत्र पर दर्ज अप्रत्याशित जानकारी तो प्रमाण के रूप में सामने उपस्थित है ।
बीते कल इंदौर के एक व्यक्ति को मृत्यु के 8 माह बाद टीकाकरण होने की खबर के बाद ऐसा ही एक मामला हरदा में सामने आया है ।
क्या है मामला –
दिवंगत राजकुमार तोमर के छोटे भाई नीलेश ने बताया कि मेरे बड़े भाई की आकस्मिक मृत्यु 22 नवम्बर 2021 को हो गयी थी। जिनका अंतिम संस्कार ग्राम बीओरा, होशंगाबाद में किया गया था। वो हरदा में एक निजी संस्थान पे कार्य करते थे।
आज जब मैं उनकी टीकाकरण प्रमाण पत्र की जानकारी देख रहा था तो मुझे 8 दिसम्बर 2021 को उनको वैक्सीन का सेंकड डोज़ लगने की जानकारी ऑनलाइन एप्प से मिली। मेरे भाई की आकस्मिक मृत्यु 22 नवम्बर 2021 को होशंगाबाद में हो चुकी थी। ग्राम पंचायत बीओरा, जिला होशंगाबाद द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र दिया गया ।
क्या लिखा है सर्टिफिकेट में –
कोविड सर्टिफिकेट के अनुसार राजकुमार तोमर 42, जिनको कोविशिल्ड का पहला टीका 26 जुलाई 2021 को लगाया गया था। इसके बाद प्रमाण पत्र पर सेंकड डोज़ 8 दिसम्बर 2021 को लगना लिखा गया । जबकि श्री तोमर की 22 नवम्बर 2021 को मृत्यु हो चुकी थी। सर्टिफिकेट पर टीका का बैच नम्बर, खुराक की तारीख के साथ टीकाकरण का स्थल गुर्जर बोर्डिंग हरदा बताया गया है। वैक्सीन लगाने वाले प्रतिनिधि का नाम भी सर्टिफिकेट पर दर्ज है।
क्या कहते हैं जानकार –
इधर, जानकारों के अनुसार एक मोबाइल नम्बर पर एक से अधिक रजिस्ट्रेशन होना भी सिरदर्द बना। एक नम्बर पर एकाधिक लोगों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी न ले पाना , उसकी पुष्टि न कर पाना भी ऐसी त्रुटियों का बड़ा कारण है।