ब्रेकिंग
अभा साहित्य परिषद के अधिवेशन में शामिल हुए जिले के साहित्यकार 9 बच्चों की मां ने प्रेमी से मिलकर पति की कर दी हत्या हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं हरदा: ई-केवायसी व आधार फिडिंग कार्य की गति बढ़ाएं ! कलेक्टर श्री जैन ने बैठक में दिये निर्देश घरेलू विवाद मे पत्नि ने पति की फावड़े से काटकर की हत्या ! पत्नि के चरित्र पर शंका करने से उपजे विवाद... इजराईल ईरान जंग: अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव को ईरान ने स्वीकार कर लिया ! ईरान के विदेश मंत्री स... उपभोक्ता आयोग का आदेश: 4 किसानों को मिलेंगे फसल बीमा राशि के 4.50 लाख रूपये Aaj ka rashifal: आज दिनांक 24 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे खातेगांव में "अंजुमन बैतुलमाल न्यास" द्वारा कैरियर गाइडेंस कैंप का आयोजन, सैकड़ों विद्यार्थियों ने ल... टिमरनी: 2 पंचायत सचिवों को सूचना का अधिकार में जानकारी नहीं देना पड़ा भारी ! राज्य सूचना आयोग ने ठोक...

मप्र के आर्थिक परिदृश्य को गति देने वाला साबित होगा केंद्रीय बजट

भोपाल ।  मध्यप्रदेश को वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्रीय करों के हिस्से में12 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे। केंद्रीय बजट प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को गति देने वाला साबित होगा।  केंद्रीय करों के रुप में मिलने वाली वाली बडी सौगात से प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होगी। पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने से पांच से छह हजार करोड़ रुपये राज्य को अतिरिक्त मिलेंगे। इससे अधोसंरचना विकास के कामों को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बनेंगे। राज्य अब सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में चार प्रतिशत तक ऋण ले सकेगा। ऊर्जा के क्षेत्र में अधोसरंचना विकास करने पर आधा प्रतिशत ऋण लेने की अलग से छूट मिलेगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त ऋण की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का प्रविधान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में कारगर साबित होगा। प्रदेश को वर्ष 2021-22 में केंद्रीय करों के हिस्से में 52 हजार 247 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया था। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इसे बढ़ाकर 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है।  केंद्र सरकार ने पुनरीक्षित बजट में योजना का बजट दस हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार करोड़ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि इससे प्रदेश को तीन सौ करोड़ रुपये और मिल सकते हैं। बजट में पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि किए जाने से अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी, जिससे अधोसंरचना की योजनाओं को गति मिलेगी। नई परियोजनाएं स्वीकृत की जा सकेंगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। पूंजीगत क्षेत्र में निवेश पर राज्य सरकार को एक हजार 200 करोड़ रुपये मिले हैं।