ब्रेकिंग
हरदा: सचिन सेन केशशिल्पी मंडल हरदा के अध्यक्ष बने !  आज मप्र का मौसम मिला जुला कहीं बारिश तो गर्मी उमस: प्रदेश के अधिकांश जिलों में दोपहर तक छाए रहेंगे ब... अमेरिका मे 2 इजरायल कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या: इजराइल पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्र... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हंडिया : भारतीय सेना के शौर्य और वीरता के सम्मान में निकाली गई तिरंगा यात्रा, हंडिया : सिनर्जी संस्थान के तत्वावधान में आयोजित की गई स्टेकहोल्डर बैठक: युवाओं ने रखे अपने विचार सिराली: आदिवासी किसान ने अनाज व्यापारी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, मंडी सचिव से की शिकायत, जाने गेहूं... शूटिंग सिखाने के बहाने मोहसिन हिन्दू लड़कियों से करता था गंदी हरकत: पुलिस को मोहसिन के मोबाइल में मि... Big breaking news: टिमरनी: करताना पुलिस ने पांच रेत माफियाओं को गिरफ्तार किया, भेजा जेल, दो ट्रेक्टर... मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और करोड़ों के कार्यों का भूमिपूजन किया: सिव...

सोनू सूद: कहीं यह परिवार की आड़ में राजनीति की चौखट पर दस्तक तो नहीं?

सोनू सूद.. एक ऐसा नाम, जो अभिनय क्षेत्र में नाम कमाने के साथ ही साथ कोविड काल में एक फरिश्ते के रूप में उभरकर सामने आया। भूखों का पेट भरा, हालातों के कारण अपने शहर से दूर लोगों को घर पहुँचाया, जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दिया, जरूरत की तमाम वस्तुएँ बाँटीं, कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था की, और फिर पूरी दुनिया में मसीहा के नाम से मशहूर हुए सोनू सूद ने आज भी इन नेक कामों का सिलसिला जारी रखा है। उनके नेक कामों के चर्चे उतने ही मशहूर हैं, जितना कि उनका नाम।

वह कहते हैं न कि इंसान उसके कर्मों से ही पहचाना जाता है। सोनू ने भी समाज की भलाई करने के चलते अपनी कुछ ऐसी ही छाप छोड़ी है। लगभग हर एक भारतीय यही चाहता है कि वे इन नेक कामों को भविष्य में भी जारी रखें और जरूरतमंदों के हमेशा काम आते रहें। लेकिन हालिया समय में मसीहा द्वारा परिवार की आड़ में जो राजनीति का जामा पहना जा रहा है, यह लोगों के मन में डर के रूप में पनप रहा है कि कहीं उनका मसीहा खो न जाए।

बहन को सियासी घमासान में उतारने के बाद सोनू का राजनीति में आने का फैसला हर तरफ चर्चा का मुद्दा बना हुआ है। अपनी अलग पार्टी बनाने के साथ ही राजनीति की अजीबों-गरीब दुनिया में कदम रखने जा रहे सोनू ने हमेशा ही इस क्षेत्र में जाने को नाकारा है।

- Install Android App -

पिछले महीनों कई इंटरव्यूज़ में भी सोनू ने यही कहा था कि भविष्य में राजनीती में उतरने की उनकी कोई योजना नहीं है, फिर अपने बयानों से मुकरकर बहन को सत्ता की जंग में उतरना, न जाने कितनी ही भ्रांतियाँ पैदा कर रहा है कि कहीं सोनू द्वारा रातनीति का दरवाजा तो नहीं खटखटाया जा रहा है.. समाजसेवा करते-करते सियासी क्षेत्र में आने का विचार यूँ एकाएक तो आया नहीं होगा।

यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल बन खड़ा हुआ है कि क्या यह सब सत्ता में आने के लिए था? अच्छे कर्मों के लिए कमाए गए नाम को क्यों व्यक्ति धूमिल करने लगता है, क्यों उस राह को चुन लेता है, जो अरसों से वाद-विवाद के कटघरे में खड़ी हुई है। वर्तमान में नेकदिल से किए गए कामों को मसीहा के आशीर्वाद के रूप में लिया जाता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद क्या कोई इस भलाई को भलाई की तरह ले सकेगा?

यह सब अपनी पार्टी को जिताने के लोभ का सबब ही माना जाएगा। एक बार जो इमेज बनी है, वह यदि चली गई तो दोबारा बन पाएगी, इसकी कोई ग्यारंटी नहीं है। इसलिए इमेज कंसल्टेंट होने के नाते सोनू सूद से मेरी यही दरखास्त है कि एक बार स्वयं से यह सवाल जरूर पूछें कि क्या आपको राजनीति में वास्तव में आना चाहिए? इस सियासी दलदल में फँसने से पहले एक बार फिर विचार कर लें।