रायपुर। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के संचालन पर फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बीच सुलह के आसार नहीं दिख रहे हैं। आइएमए अपनी मांगों पर अडिग है। समुचित प्रदेश में ‘आयुष्मान’ के तहत पंजीकृत 500 निजी अस्पतालों में 16 सितम्बर से इलाज नहीं हो रहा है।
प्रदेश के 608 सरकारी अस्पतालों में 18 दिन में आयुष्मान के तहत सिर्फ 3600 मरीजों का पंजीयन हुआ। अगर निजी अस्पताल सेवाएं देते तो एक दिन में ही 2200 से 2500 मरीजों पर पंजीयन होता। अंदाजा लगा सकते हैं कि इस योजना के संचालन में निजी अस्पतालों की भूमिका कितनी अधिक है।
आठ अक्टूबर से अस्पतालवार बैठकः आरएसबीवाय और एमएसबीवाय योजना के तहत अस्पतालों के क्लेम की राशि अप्रैल से जारी नहीं हुई है। एक किश्त गुरुवार को जारी जरूर हुई, लेकिन खातों में कम आया। अब अस्पतालों की समस्याओं पर आठ अक्टूबर से स्वस्थ्य विभाग बैठक करेगा। हर अस्पताल की बात सुनी जाएगी।
हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि सभी सदस्यों से स्पष्ट कहा गया है कि वे किसी भी तरह के दबाव में न आएं। क्लेम की एक किश्त जारी जरूर हुई, लेकिन पूरी राशि नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बातचीत की कोई भी पहल नहीं हुई है। योजनाएं निजी अस्पतालों के भरोसे ही चलती हैं, क्योंकि हमारे पास सुविधाएं हैं, साधन-संसाधन हैं।
16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक के आंकड़े
जिला- सरकारी हॉस्पिटल की संख्या- मरीजों का पंजीयन
कोरिया- 14- 351
कांकेर- 29- 319
दंतेवाड़ा- 9- 140
सरगुजा- 29- 98
बिलासपुर- 17- 290
रायगढ़- 15- 135
दुर्ग- 38- 276
रायपुर- 32- 749
20 दिनों में दो जिलों का खाता तक नहीं खुला
प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत सरकारी अस्पतालों की संख्या 608 है। इनमें से 161 अस्पतालों में ही योजना के तहत मरीजों का पंजीयन हुआ जो सिर्फ 26.5 फीसद है। कई अस्पतालों में तो अभी तक योजना के तहत खाता तक नहीं खुला है, इनमें नारायणपुर और मुंगेली शामिल हैं।