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Harda News : आशाराम बापू की हालत नाजुक इच्छानुसार इलाज की है आवश्कता, जमानत देने की मांग महामहिम राष्ट्रपति से की।

हरदा : श्री योग वेदान्त सेवा समिति चारखेड़ा -हरदा के पदाधिकारी एवं साधको ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एसडीएम को एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम सोपा। ज्ञापन में उल्लेख करते हुए कहा की जोधपुर की कारागार में बंद संत आशाराम बापू की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। सजा होने से पूर्व 74 साल के आशाराम बापू की जीवन शैली अत्यधिक व्यस्त थी। उसके बावजूद उन्हें सिर्फ पीठ दर्द की समस्या थी। लेकिन अब लगातार 12 वर्ष के कारावास के कारण तानावयुक्त जीवन जी रहे आशाराम बापू को हृदयरोग, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि (prostate enlargement), संधिवात (arthritis) एवं रक्ताल्पता (anaemia) आदि नयी बीमारियों ने भी घेर लिया है। जबकि इसके परे उन्हे तनावमुक्त वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा नही मिल पाने के कारण उनकी हालत और भी बिगड़ती जा रही है। इसके पहले भी बापू 13 जनवरी से 6 फ़रवरी तक जोधपुर एम्स में भर्ती रहे है । एम्स की रिपोर्ट के अनुसार उनके हृदय में 3 गम्भीर (99%, 90% और 75%) ब्लॉकेज हैं। बापूजी को लगातार रक्तस्राव हो रहा है जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर लगता गिरता जा रहा है। स्तिथि को देखते हुए उनकी पेरोल की अर्जी लगाई गई थी परंतु उसे खारिज कर दिया गया है।

संत आशाराम बाबू ने अपना सारा जीवन समाज सेवा में समर्पित किया है लोगो की भलाई के अनेक कार्य किए अनेक लोक कल्याण संस्थाओं का गठन किया फिर भी उनकी भयावह स्तिथि को अनदेखा कर उन्हे किसी भी प्रकार की राहत नही मिल पा रही है
जबकि 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की कैदी को स्वस्थ को देखते हुए न्यायपालिका को उचित उपचार के लिए उनकी अंतरिम जमानत के लिए उदारता दिखानी चाहिए। कैदी की सेहत का ध्यान रखा जाए यह हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसकी रक्षा होनी चाहिए।

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हमारे देश में कई ऐसे लोग है जिन्हे बड़े गंभीर मामलो में सजा सुनाई गई है।

फिर भी कभी भी स्वास्थ का हवाला देकर या कोई महत्वपूर्ण कार्यों या बेटे बेटियो को शादी का हवाला देकर उन्हें हफ्तों और महीनो की अंतरिम जमानत दे दी जाती है । ऐसे बहुत से उदाहरण मौजूद है। परंतु संत आशाराम बापू की गंभीर हालत को लगातार नजरंदाज किया जा रहा है। उनके स्वास्थ को देखते हुए उन्हें भी इच्छानुसार इलाज करवाने के लिए अंतरिम जमानत दे देनी चाहिए।