झारखंड में ग्रामीण विकास विभाग ने अबुआ आवास योजना के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। इस योजना के दूसरे चरण में 2.91 लाख नए आवासों को मंजूरी दी गई है। हाल ही में हुए फैसले के मुताबिक, राज्य में आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद इन आवासों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
दूसरे चरण में 4.5 लाख लाभार्थियों को मिलेगा आवास
अबुआ आवास योजना के तहत दूसरे चरण में कुल 4.5 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 2.91 लाख आवासों को मंजूरी मिल चुकी है। शेष 1.59 लाख आवासों को भी जल्द ही स्वीकृति दी जाएगी। जैसे ही आचार संहिता समाप्त होगी, सरकार इन आवासों के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाएगी।
पहले चरण में करीब 2 लाख आवासों का काम जारी
इस योजना के पहले चरण में लगभग दो लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें से 1.99 लाख आवासों को मंजूरी दी जा चुकी है, और इनके निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। पहले चरण के सभी आवासों का काम अंतिम चरण में है, और इन्हें जल्द ही लाभार्थियों को सौंपने की योजना है। पहले चरण और दूसरे चरण को मिलाकर, अब तक झारखंड सरकार ने कुल 4.90 लाख आवासों को स्वीकृति दी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड को मिले 1.13 लाख आवास
अबुआ आवास योजना के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत झारखंड को 1.13 लाख नए आवास बनाने का लक्ष्य मिला है। जब इन दोनों योजनाओं को एक साथ देखा जाए, तो झारखंड में करीब चार लाख नए आवासों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, पहले से चल रहे 1.99 लाख आवासों का काम भी जारी है। इस तरह झारखंड में कुल छह लाख आवासों पर एक साथ काम होने वाला है।
बालू की कमी बनी चुनौती
हालांकि, इतने बड़े स्तर पर निर्माण कार्य शुरू करने में कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। पूरे झारखंड में बालू की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। निर्माण कार्यों के लिए पर्याप्त बालू की उपलब्धता नहीं होने के कारण यह आशंका है कि आवास निर्माण की गति पर असर पड़ सकता है। सरकार इस समस्या को हल करने के लिए कदम उठा रही है ताकि आवास निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूरा हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मिलेगा पक्का मकान
अबुआ आवास योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उन लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है, जो अब तक कच्चे मकानों में रह रहे हैं। योजना के तहत लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है, जिससे वे अपनी जरूरतों के अनुसार घर बना सकें। इस योजना से न केवल आवास की समस्या का समाधान होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
राज्य सरकार की बड़ी पहल
झारखंड सरकार का यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ी पहल है। अबुआ आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों लोगों को छत देने का यह प्रयास राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इसके अलावा, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे और काम में कोई रुकावट न आए।
अबुआ आवास योजना झारखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के जीवन को बदलने की दिशा में एक अहम कदम है। हालांकि बालू की कमी जैसी चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन सरकार इन्हें हल करने के लिए तत्पर है। इस योजना के तहत लाखों परिवारों को पक्का मकान मिलने का सपना जल्द ही साकार होगा, और यह राज्य में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाएगा।