हरदा: शासकीय महाविद्यालय हरदा में राजनीतिक हस्तक्षेप और भय का माहौल – एनएसयूआई ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
हरदा, – शासकीय महाविद्यालय हरदा में बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप और भय के माहौल को लेकर एनएसयूआई ने विरोध जताते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष योगेश चौहान ने महाविद्यालय के प्राचार्य, दो अतिथि विद्वानों एवं एबीवीपी के संगठन मंत्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
शैक्षणिक माहौल पर खतरा
एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि अतिथि विद्वान श्री बसंत सिंह राजपूत (प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ) एवं श्री राजेश दीक्षित (नगर अध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) महाविद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ-साथ खुलेआम राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। यह न केवल शिक्षा प्रणाली के साथ अन्याय है, बल्कि अतिथि विद्वान नियमावली का खुला उल्लंघन भी है।
हरदा विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने ने भी यह विषय विधानसभा सत्र 2024-25 में उठाया था, जिसमें माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने स्पष्ट किया कि “कोई भी अतिथि विद्वान राजनीतिक पद नहीं रख सकता और न ही किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग ले सकता है। दोष सिद्ध होने पर 05.10.2023 की अतिथि विद्वान नीति एवं नियमावली के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
प्राचार्य का संरक्षण और बाहरी हस्तक्षेप
एनएसयूआई के अनुसार, इन दोनों अतिथि विद्वानों को प्राचार्य का संरक्षण प्राप्त है, जिससे वे अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, एबीवीपी के संगठन मंत्री, जो महाविद्यालय से किसी भी रूप में संबद्ध नहीं हैं, लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और छात्रों पर दबाव बना रहे हैं।
इस बाहरी हस्तक्षेप के कारण छात्रों और शिक्षकों में भय का माहौल बन गया है, जिससे शैक्षणिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है।
एनएसयूआई की मांगें
दोनों अतिथि विद्वानों को तत्काल पद से हटाया जाए।
महाविद्यालय के प्राचार्य पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
बाहरी व्यक्ति (एबीवीपी संगठन मंत्री) को महाविद्यालय परिसर में हस्तक्षेप करने से रोका जाए।
एनएसयूआई ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए राजनीतिक कार्यक्रमों में अतिथि विद्वानों की संलिप्तता के फोटो और विधानसभा प्रश्नोत्तरी की प्रति संलग्न की है।
कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने तत्काल निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई नहीं की, तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन करेगा और इस मुद्दे को उच्च स्तर तक उठाने के लिए मजबूर होगा।
प्राचार्य और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति
एनएसयूआई द्वारा ज्ञापन दिए जाने की जानकारी मिलते ही प्राचार्य महोदय एवं वरिष्ठ अधिकारी नदारद हो गए, जिससे यह साफ़ होता है कि वे इस विषय पर जवाब देने से बच रहे हैं। इस दौरान एक दिन की प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर धीरा शाह ने ज्ञापन स्वीकार किया।
ज्ञापन सौंपने के दौरान उपस्थित प्रमुख कार्यकर्ता
ज्ञापन देते समय कृष्ण बिश्नोई, आयुष दुबे, शशांक बिश्नोई, कुलदीप चौरसिया, नमन मालवीय, बिट्टू दामाड़े, श्यामलाल गंगवाल, विक्की शर्मा, अमित शर्मा सहित अन्य सभी साथी गण मौजूद रहे।