जलोदा: म.प्र.जन अभियान परिषद टिमरनी द्वारा मनाया गया ग्राम जलोदा मे बाबडी उत्सव, राजा जालंधर के द्वारा बनवाई गई थी बावड़ी 15वीं शताब्दी के लगभग
टिमरनी। मध्य प्रदेश शासन के जन भागीदारी से जल स्रोतों को सहेजने के उत्सव जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत जन भागीदारी से मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद समुदाय के साथ मिलकर भागीरथी प्रयासों का साक्षी बन रहा है।
मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ने अपनी बहुआयामी गतिविधियों के केंद्र में इस वर्ष बावड़ी के प्रति संवेदना और संरक्षण को रखा है परिषद की संवाद योजनांतर्गत *बावड़ी उत्सव* का आयोजन विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 एवं 6 जून को बावड़ी के आसपास साफ सफाई, रोशनी एवं दीप मालिका, बावड़ी की पुष्प सज्जा पूजन आदि गतिविधियों का आयोजन जन सहभागिता से किया जाना है।
इसी तारत्मय में में मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड टिमरनी जिला हरदा के द्वारा नर्मदा तट पर स्थित प्राचीन नगरी जलोदा में स्थित प्राचीन बावड़ी की साफ सफाई एवं रंग रोगन कर तथा बावड़ी में विराजमान देवों की पूजन अर्चन कर दीपदान कर बावड़ी उत्सव प्रारंभ किया गया।
पूजन उपरांत नर्मदाष्टक का सामूहिक पाठ कर बावड़ी के ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व के उल्लेख प्रदर्शन हेतु संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
संगोष्ठी में ग्राम शमशाबाद के वरिष्ठ नागरिक नर्मदा प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री भागवत सिंह जी यादव, नर्मदा जी के प्रति समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता वरिष्ठ नागरिक श्री लालचंद जी केवट ,स्थानीय श्री 1008 गुरु रतिराम बाबा समाधि के महंत श्री तरुण शर्मा जी के मुख्य आतिथ्य मे प्रारंभ हुआ।
सर्वप्रथम मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड टिमरनी के ब्लॉक समन्वयक अनुपम भारद्वाज के द्वारा *बावड़ी उत्सव* एवं जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में जन अभियान परिषद द्वारा विकासखंड में किए गए कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की तत्पश्चात वक्ता श्री तरुण जी शर्मा महंत जी के द्वारा मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा बावड़ी के संरक्षण के प्रति किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा की तथा जल संरक्षण के प्रति जन अभियान परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
ग्राम के वरिष्ठ नागरिक श्री लालचंद जी केवट के द्वारा बताया गया कि यह बावड़ी अत्यंत प्राचीन है यह बावड़ी एवं यहां की प्रसिद्ध तोप दोनों ही इस जलोदा नगरी के प्राचीन नगरी होने के एवं यहां से प्राचीन नर्मदा मंदिर तथा रतिराम बाबा जी की समाधि के संबंध में ग्रामीणों को जानकारी दी तत्पश्चात ग्राम शमशाबाद के वरिष्ठ नागरिक एवं आज की इस संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे हैं नर्मदा प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री भागवत सिंह जी यादव के द्वारा बताया गया कि यह बावड़ी आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व एक मिट्टी के टीले के रूप में स्थित थी तब तत्कालीन सरपंच रूंदलाय निवासी श्री हरि सिंह जी दरबार के द्वारा इस बावड़ी से लगभग 3 वर्ष तक मिट्टी निकलवाई गई और साफ सफाई की गई तब जाकर यह बावड़ी निकली उस समय इस बावड़ी में बाल्टी से मिट्टी निकाली गई थी ।
इसके पश्चात सन 2007 में ग्राम पंचायत द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया ।इस बावड़ी के संबंध में बताते हुए श्री भगवत सिंह जी यादव के द्वारा बताया गया कि यह बावड़ी राजा जालंधर के द्वारा बनवाई गई थी जो की 15वीं शताब्दी के लगभग यहां के राजा थे ।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी ग्राम वासियों द्वारा बावड़ी के संरक्षण एवं संवर्धन में हमेशा सहयोग देने एवं इसके रखरखाव में जन सहयोग एवं जन सहभागिता से करने का संकल्प लिया कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री नारायण जी लोचकर ,गंगाधर केवट, गोपाल केवट, सुरेश काजवे ,रामजीवन जी काजवे, जन अभियान परिषद के मैटर श्री श्री विष्णु कटारे प्रवीण चौरसिया अखिलेश गुर्जर नव अंकुर संस्था से श्री झब्बू जामले जी श्री कृष्णा लाल जी एवं नर्मदा सेवा समिति जलोदा के कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत आभार ब्लाक समन्वयक अनुपम भारद्वाज द्वारा माना गया।