मकड़ाई एक्सप्रेस 24 दिल्ली। देश की सियासत में अचानक एक भूचाल आ गया हैं लोकसभा चुनाव से पहले भातरीय निर्वाचन आयोग ने इलेक्टोरल बान्ड से संबधित डाटा जारी किया हैं। जानकारी है कि स्टेट बैंक आफ इंडिया ने 12 मार्च को चुनाव आयोग से इलेक्टोरल संबधित डाटा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपलब्ध कराया था।
किसे मिला सबसे ज्यादा चुनावी चंदा
चुनाव आयोग डेटा जारी करने के बाद हर एक के मन में उत्सुकता बनी हुई है कि किस पार्टी को कितना चुनावी फंड मिलता है। देश में सबसे ज्यादा चुनावी फंड जुटाने वाली पार्टी कौन सी हेै। लोगो के दिमाग में एक बात घूम रही है कि आखिर वह कौन सी राजनीतिक पार्टी हैं। जिसे सबसे ज्यादा चुनावी चंदा मिला है। जारी डेटा के अनुसार विगत 5 वर्षो में बीजेपी ने सबसे ज्यादा इलेक्शन फंड प्राप्त किया है।डेटा के अनुसार बीजेपी को 60 अरब से ज्यादा का चुनावी फंड मिला।
क्या दूसरे नंबर पर कांग्रेस है
अब लोगो को लोकप्रियता के आधार पर बीजेपी के बाद कांग्रेस का नंबर आना चाहिए मगर ऐसा नही हैं। पहले नंबर पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जरुर है चुनावी फंड जुटाने पर यह दूसरे नंबर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस नहीं है। लोग सोच रहे है तो फिर कौन है दूसरे नंबर से सबसे अधिक चुनावी फंड जुटाने वाली पार्टी ।बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर टीएमसी और तीसरे पर कांग्रेस है।
पिछले 5 साल का रिकार्ड है
SBI ने रिपोर्ट में बताया कि अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 के बीच अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से 22,217 चुनावी बॉन्ड की खरीद और इस्तेमाल पर पूरा डेटा जारी किया है। पूरे देश में चुनावी चंदा के रुप में सबसे ज्यादा राशि एकत्रित करने वाली पार्टी बीजेपी है। पार्टी को 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 तक 6,060 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। ये भुनाए गए कुल बॉन्ड का 47.5 फीसदी है। इस मामले में दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस रही। टीएमसी ने चुनावी चंदे के तहत 1609 करोड़ रुपये प्राप्त किए। तीसरे नंबर पर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का नंबर आ रहा है, जिसे 1421 करोड़ रुपये मिले। कांग्रेस के बाद 4 नंबर पर भारत राष्ट्र समिति है। उन्हें 1214 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के तौर पर मिले। इसके बाद 5 नंबर बीजू जनता दल है, जिन्हें 775 करोड़ रुपये मिले। बीजेडी के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम डीएमके है। जिसे 639 करोड़ रुपये चुनावी चंदे में मिला।
अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 का है डेटा
भारतीय निर्वाचन आयोग ( ECI) की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से साझा की गई डिटेल्स के बाद चुनावी बॉन्ड को लेकर यह डेटा जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च तक की ECI वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।