मध्य प्रदेश में किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: धान और अन्य फसलों की MSP पर खरीदी शुरू MP News
MP News: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक शानदार घोषणा हुई है। राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी की तारीख तय कर दी है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाना और फसल बेचने में सहूलियत देना है।
धान की खरीदी 2 दिसंबर से शुरू होगी जबकि ज्वार और बाजरे की खरीदी 22 नवंबर से शुरू हो चुकी है। इस बार, सरकार ने 1500 से अधिक उपार्जन केंद्र खोलकर किसानों की सहूलियत को प्राथमिकता दी है, ताकि किसी को फसल बेचने में कोई दिक्कत न हो।
MSP में क्या है नया?
मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल फसलों के लिए आकर्षक MSP घोषित किए हैं.
- धान: ₹2300 प्रति क्विंटल
- ग्रेड-ए धान: ₹2320 प्रति क्विंटल
- मालदंडी ज्वार: ₹3421 प्रति क्विंटल
- हाइब्रिड ज्वार: ₹3371 प्रति क्विंटल
- बाजरा: ₹2625 प्रति क्विंटल
सरकार ने इस साल 45 लाख मीट्रिक टन धान, 3 लाख मीट्रिक टन बाजरा और 50 हजार मीट्रिक टन ज्वार की खरीदी का लक्ष्य रखा है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का बेहतर लाभ मिलेगा।
उपार्जन केंद्रों का जाल
किसानों की सुविधा के लिए पूरे राज्य में उपार्जन केंद्रों का जाल बिछाया गया है।
- सबसे अधिक केंद्र: बालाघाट में 185 उपार्जन केंद्र।
- सतना में 144, जबलपुर में 125 और रीवा में 123 केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- ज्वार और बाजरे की खरीदी के लिए मुरैना जिले में 51 केंद्र खोले गए हैं।
यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर-दराज न जाना पड़े।
भुगतान का आसान तरीका
किसानों को उनकी फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। यह ध्यान रखना जरूरी है कि.
1. किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
2. फसल की गुणवत्ता जांच के बाद ही भुगतान होगा।
अगर किसी वजह से फसल के भंडारण या परिवहन में देरी होती है, तो किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है।
किसानों के लिए हेल्पलाइन सुविधा
किसानों को अगर पंजीकरण, भुगतान या फसल बेचने से संबंधित कोई समस्या आती है, तो वे हेल्पलाइन नंबर 0755-2551471 पर सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
इस फैसले से किसानों को क्या फायदा होगा?
सरकार के इस कदम से किसानों को कई फायदे होंगे.
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य: सुनिश्चित करेगा कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले।
2. सुविधाजनक बिक्री प्रक्रिया: उपार्जन केंद्रों का विस्तार किसानों को फसल बेचने में आसानी देगा।
3. भुगतान की पारदर्शिता: बैंक खातों में सीधा भुगतान होने से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
यह पहल राज्य सरकार की किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की सोच का हिस्सा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी से किसान न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, बल्कि उन्हें अपनी मेहनत का वास्तविक मूल्य भी मिलेगा।
यह कदम किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और उनकी समस्याओं को समझने का प्रतीक है। अगर सही तरीके से इसे लागू किया गया, तो यह राज्य के कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है।
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