परिवार की महिला सदस्य गीता का कहना है कि जिस जमीन से उन्हें हटाया गया, उस जमीन पर वह 50 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे थे
ग्वालियर। कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में एक परिवार के 4 लोगों ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की, जिसके चलते अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आत्महत्या की कोशिश करने वाले परिवार के लोग भू-अधिकार के तहत दिए गए पट्टे की जगह, दूसरे स्थान पर जगह मांग रहे थे। प्रशासन पर दबाव डालने के चलते विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने परिवार के 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
दरअसल ग्वालियर में नए जिला पंचायत भवन का निर्माण जिस जगह पर हुआ है। उस सरकारी जमीन पर कदम सिंह का परिवार बीते कई सालों से कब्जा किया हुआ था, जिला पंचायत के निर्माण से पहले और सरकारी जमीन से कब्जा हटाया गया। उस दौरान कदम सिंह के परिवार के मकान को जमींदोज किया गया था लेकिन शासन ने 2019 में ही कदम सिंह और उनके बेटे किशोर सिंह जाटव के नाम मुख्यमंत्री आवास मिशन शहरी अधिकार पत्र दिया। जिसके तहत रमौआ डैम के पास उन्हें जगह दी गयी।
लेकिन कदम सिंह का परिवार बीती कई जनसुनवाई में आकर जिला पंचायत भवन के करीब ही जगह की मांग कर रहा था। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान भी एडीएम को लेटर देते हुए जगह की मांग की गई तो प्रशासन ने नियमानुसार जगह ना दे पाने की बात कही। जिसे सुनने के बाद कदम सिंह और उसके परिवार के अन्य लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थी उन्होंने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश करने लगे। घटना के बाद तत्काल मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने परिवार के चार लोगों को हंगामा खड़ा करने पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस के सुपुर्द किया।
परिवार की महिला सदस्य गीता का कहना है कि जिस जमीन से उन्हें हटाया गया, उस जमीन पर वह 50 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे थे। ऐसे में उन्हें शहर से दूर जगह दी गई है जहां परिवार के साथ रह पाना संभव नहीं है। यही वजह है कि वह जिला पंचायत के पास ही जगह की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले पर एडीएम एचबी शर्मा का कहना है कि प्रशासन पर इस तरह का दबाव डालने का प्रयास गलत होता है। इस दौरान परिवार के सदस्यों को जान का नुकसान भी हो सकता था। फिलहाल परिवार के सदस्यों से बात कर उन्हें समझाइश दी जा रही है।