Cement Price Hike: आजकल मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अपने घर का सपना पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है। एक ओर जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, वहीं अब सीमेंट के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। यह बढ़ोतरी उन लोगों के लिए और भी बड़ी समस्या बन गई है, जो अपने घर के निर्माण की योजना बना रहे हैं।
सीमेंट की कीमतों में फिर बढ़ोतरी
मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सीमेंट कंपनियों ने हाल ही में एक बार फिर से दाम बढ़ा दिए हैं। सितंबर में कीमतें 50 रुपए तक बढ़ाने के बाद भले ही सरकार के दबाव में कुछ कमी की गई थी, लेकिन अब कंपनियों ने फिर से 10 से 15 रुपए प्रति बोरी दाम बढ़ा दिए हैं। आने वाले दिनों में ये बढ़ोतरी 50 रुपए तक पहुंच सकती है।
थोक बाजार में सीमेंट की कीमतें अब 260 से 300 रुपए प्रति बोरी के बीच हैं। वहीं, चिल्हर बाजार में यही सीमेंट 20 से 30 रुपए और महंगा बिक रहा है। कंपनियों की इस मनमानी से सीमेंट डीलर और ग्राहक, दोनों परेशान हैं।
ग्राहकों पर बढ़ रहा वित्तीय बोझ
सीमेंट के दाम बढ़ने का सीधा असर घर बनाने वाले लोगों पर पड़ रहा है। कंपनियां अपनी बिलिंग में स्कीम का खेल कर रही हैं, जिससे पहले दी जाने वाली छूट अब खत्म कर दी गई है। इससे ग्राहक अब पहले से ज्यादा कीमत चुकाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सीमेंट डीलरों का कहना है कि यह बढ़ोतरी केवल दाम में ही नहीं, बल्कि ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त भार डालने के समान है।
सरकार की सख्ती का नहीं दिख रहा असर
सितंबर में दाम बढ़ाने पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कंपनियों को चेतावनी दी थी कि दाम बढ़ाने से पहले मंजूरी लेना जरूरी होगा। उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के साथ हुई बैठक में कंपनियों ने बढ़े हुए दाम वापस लेने का भरोसा दिया था। लेकिन हालात बताते हैं कि कंपनियों ने अपने वादे पर अमल नहीं किया है।
सरकार की सख्ती के बावजूद सीमेंट कंपनियां अपनी मनमानी करने से पीछे नहीं हट रही हैं। नतीजा यह है कि ग्राहकों को अधिक कीमतें चुकानी पड़ रही हैं।
क्या हैं मौजूदा सीमेंट के दाम?
मौजूदा समय में थोक बाजार में सीमेंट के दाम 260 से 300 रुपए प्रति बोरी तक पहुंच गए हैं। वहीं, चिल्हर बाजार में यही कीमतें 20 से 30 रुपए ज्यादा हैं। इसका मतलब है कि छोटे और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अपने घर का निर्माण करना और भी महंगा हो गया है।
सीमेंट के दामों पर कब लगेगी लगाम?
सरकार के निर्देश और सख्ती के बावजूद सीमेंट कंपनियों पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। कंपनियां अपने मुनाफे के लिए ग्राहकों पर अतिरिक्त भार डाल रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो सीमेंट के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
सीमेंट की बढ़ती कीमतें मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। अपने घर का सपना साकार करना अब पहले से ज्यादा महंगा और मुश्किल हो गया है। यह जरूरी है कि सरकार सीमेंट कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाए और ग्राहकों को राहत दिलाए।
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